उन्होंने कहा कि महामारी ने दुनिया को प्रभावित किया और एक आर्थिक तथा मानवीय संकट को जन्म दिया। कई देशों ने बड़े प्रोत्साहन पैकेजों के साथ अपने खजाने को खोलना शुरू कर दिया। इस कारण काफी धन आ गया, जिसके चलते भारी मुद्रास्फीति का दबाव बना।
मंत्री ने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि राजकोषीय नीति और मौद्रिक नीति एक साथ चले, जबकि कई दूसरे देश ऐसा नहीं कर सके। हमने पहला लक्ष्य बनाया मुद्रास्फीति को मध्यम स्तर पर रखना और वह भी 10 साल की लंबी अवधि के लिए। साथ ही यह सुनिश्चित किया कि हम जल्दी से उच्च वृद्धि दर पर लौट आएं। भाषा Edited by Sudhir Sharma