इन दो फैसलों से पता चलता है कि टीवी अंपायर किस हद तक थे टीम इंडिया के खिलाफ

Webdunia
मंगलवार, 3 अगस्त 2021 (13:23 IST)
टोक्यो:भारतीय हॉकी टीम के फैंस आज निराश है। निराशा का एक कारण यह भी है कि टोक्यो ओलंपिक सेमीफाइनल में खेले गए इस मैच में भारत ने जैसे शुरुआत की थी अंत वैसा नहीं हुआ। 5-2 की स्कोरलाइन यह नहीं बता पा रही की भारत ने तीसरे क्वार्टर तक बेल्जियम से कांटे का मुकाबला किया। 
 
इसके अलावा भारतीय फैंस इस बात से भी नाराज है कि बेल्जियम को अंपायर ने दर्जन भर पेनल्टी कॉर्नर दिए। भारतीय होने के नाते इसे भावनात्मक विस्फोट के तौर पर देखा जा सकता है क्योंकि सर्कल या डी में गलती करने पर पेनल्टी स्ट्रोक तो सामने वाली टीम को मिलेगा ही। सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर लोगों ने अंपायरो को काफी खरी खोटी सुनाई।
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#INDvsBEL today’s umpiring vanished my hate towards this man pic.twitter.com/6e1BoYsOKb

— vikas thapar (@vikas_thapar) August 3, 2021 > <

3 back to back PC for Belgium

< — Anshuman (@Anshuman84m2) August 3, 2021 > <

Indian hockey team, hockey fans asking the Referee to stop giving Belgium Penalty corner/stroke every 10 seconds in Olympics Semifinals!
Its Belgium or Pelgium?#INDvsBEL pic.twitter.com/d5DfdDeNrZ

< — Vishal Verma (@VishalVerma_9) August 3, 2021 >
बेल्जियम को अंतिम क्वार्टर में कुल 16 पेनल्टी कॉर्नर मिले। इस पर वाद विवाद हो सकता है कि किनमें से कॉर्नर देना वाजिब था। दरअसल क्रिकेट में रिव्यू का सिस्टम होता है तो हॉकी में भी रिव्यू का सिस्टम होता है। बस अंतर इतना होता है कि मैच के दौरान एक ही बार टीम को मौका मिलता है। जब तक रिव्यू टीम के पक्ष में जाता है तब तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। आज भारत और बेल्जियम दोनों ही दूसरे हाफ में बिना रिव्यू के खेले।
 
बहरहाल आत्मविश्वास होने पर भी रिव्यू लेने के बावजूद भी अगर अंपायर की सोच आपसे ना मिले तो इसको बदकिस्मती ही करार दिया जा सकता है। हम आपको बताते हैं कि किस तरह एक ही वाक्ये को तीसरे अंपायरों ने अलग अलग तरीके से देखा। 
 
कल टो टच पर भी ऑस्ट्रेलिया को मिला पेनल्टी कॉर्नर
 
महिला टीम के क्वार्टरफाइनल भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के मैच के अंतिम कुछ मिनटों में जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बॉल कलेक्ट कर रही थी तो भारतीय महिला खिलाड़ी का सिर्फ पीछे से उस खिलाड़ी से टो टकरा गया। इस बात पर ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू ले लिया। रीप्ले में साफ दिखाई दे रहा था कि भारतीय महिला खिलाड़ी का सिर्फ टो और शरीर का हल्का सा हिस्सा ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को छुआ और कहीं से भी उनका संतुलन नहीं बिगड़ा। इसके बावजूद रीव्यू ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में गया और उन्हें पेनल्टी कॉर्नर मिला। भला हो सविता पुनिया ने कोई गोल नहीं होने दिया। 
आज बेल्जियम के खिलाड़ी ने हाथ से धक्का दिया फिर भी नहीं मिला पेनल्टी कॉर्नर
 
मैच के पहले क्वार्टर में भारत लगातार बेल्जियम पर हमले बोल रहा था। गेंद जब मनदीप सिंह कलेक्ट कर रहे थे तो हाथ लगाकर बेल्जियम के खिलाड़ी ने उनको पुश किया और वह गिर गए। हालांकि मनदीप सिंह पहले ही अपना संतुलन खो चुके थे लेकिन पीछे से मिले धक्के ने उनके गिरने में और मदद की। इस बात पर मनदीप ने रिव्यू लिया। 
 
लेकिन पता नहीं ऑस्ट्रेलियाई टीवी अंपायर को क्या सूझा वक्त लेने के बाद भी उन्होंने भारत को पेनल्टी कॉर्नर नहीं दिया जबकि यह घटना डी में हुई थी। भारत को सिर्फ एक लॉंग कॉर्नर से ही संतोष करना पड़ा। 
यह सिलसिला यह ही नहीं रुका एक फैसला फील्ड अंपायर ने भी ऐसा दिया जो भारत के पक्ष में जा सकता था। जब बेल्जियम दूसरे हाफ में अटैक कर रही थी तो भारतीय हॉकी खिलाड़ी के पैर से बॉल जा लगी और बेल्जियम को पेनल्टी कॉर्नर मिल गया। यह निर्णय किसी भी तरफ जा सकता था, साफ तौर पर रीप्ले में यह नहीं दिख रहा था कि गेंद डी की लाइन के बाहर लगी है या नहीं। लेकिन भारत अपना रिव्यू खो चुका था इस कारण इस निर्णय को रिव्यू नहीं कर पाया। (वेबदुनिया डेस्क)