एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी साक्षी तंवर
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी महिला कल से यहां शुरू हो रही एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी।
योगेश्वर दत्त, सुशील कुमार और फोगाट बहनों गीता और बबीता की गैरमौजूदगी में साक्षी, ओलंपियन संदीप तोमर और बजरंग पूनिया पिछले साल के भारत के प्रदर्शन में सुधार की कोशिश करेंगे।
पिछले साल थाईलैंड के बैंकाक में हुई इस प्रतियोगिता में भारत ने एक स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्रू पदक सहित कुल नौ पदक जीते थे।
बैंकाक में संदीप (पुरुष 57 किग्रा फ्रीस्टाइल) ही भारतीय पहलवानों में स्वर्ण पदक जीत पाए थे। भारतीय पहलवानों के लिए इस साल यह पहली बड़ी प्रतियोगिता है और भारत ने 28 सदस्यीय मजबूत टीम उतारी है जिसमें फ्रीस्टाइल, महिला और ग्रीकोरोमन वर्ग में आठ-आठ पहलवान शामिल हैं।
प्रतियोगिता के दौरान फ्रीस्टाइल में 112, ग्रीकोरोमन में 103 और महिला वर्ग में 83 पहलवान शिरकत करेंगी। प्रतियोगिता के दौरान 24 स्वर्ण और इतने ही रजत पदक के अलावा 48 कांस्य पदक दांव पर होंगे।
भारत के अलावा ईरान, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, जापान, कोरिया, चीन और मंगोलिया जैसे देशों के शीर्ष पहलवान केडी जाधव रेस्लिंग एरेना में पांच दिवसीय प्रतियोगिता के दौरान प्रतिस्पर्धा पेश करेंगे।
भारतीय प्रशंसकों की नजरें साक्षी पर टिकी होंगी। रियो ओलंपिक के दौरान पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी साक्षी ने खेलों के महाकुंभ के बाद इस साल सिर्फ पेशेवर कुश्ती लीग में हिस्सा लिया और कुछ ही बाउट में शिरकत की।
साक्षी ने हालांकि लखनऊ में ट्रायल के दौरान मंजू को 10-0 के तकनीकी नाकआउट से हराया था। इसके अलावा फोगाट बहनें विनेश और रितु भी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश रियो ओलंपिक के दौरान गंभीर रूप से चोटिल हो गई थी और अब वापसी कर रही हैं।
विनेश ने पिछली प्रतियोगिता में 53 किग्रा वर्ग का कांस्य पदक जीता था लेकिन रितु मामूली अंतर से पदक से चूक गई थी और इस बार इसकी भरपाई करने की कोशिश करेंगी।
पुरुष फ्रीस्टाइल में भारत को संदीप और बजरंग (65 किग्रा) से पदक की उम्मीद होगी जबकि जितेंदर (75 किग्रा) के पास दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और निलंबित नरसिंह यादव की परछाई से बाहर निकलने का मौका होगा।
साक्षी के पति सत्यव्रत कादियान (97 किग्रा) के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें टिकी होंगी। ग्रीको रोमन भारत का मजबूत पक्ष नहीं है लेकिन अपनी सरजमीं पर भारतीय पहलवान हैरान कर सकते हैं। कतर और थाईलैंड में पिछली दो प्रतियोगिता में ईरान ने फ्रीस्टाइल और ग्रीकोरोमन वर्ग में खिताब जीता।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह को मेजबान पहलवानों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।