नेपाल संकट : राजनैतिक उथलपुथल के बीच, सुरक्षा व्यवस्था के लिए सेना तैनात

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 11 सितम्बर 2025 (19:53 IST)
Violent demonstrations in Nepal: नेपाल में भ्रष्टाचार के विरोध में युवाओं के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों में मृतक संख्या 30 हो गई है। देश में तेज़ी से बदले घटनाक्रम में, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और अन्य मंत्रियों को इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर होना पड़ा और गहरी राजनैतिक अनिश्चितता व्याप्त है।
 
कथित रूप से भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया मंचों पर थोपी गई पाबंदी के विरोध में सोमवार को युवा आबादी का ग़ुस्सा फूट पड़ा, जिसके बाद सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कई लोगों की जान गई। मंगलवार तक, प्रदर्शनकारियों ने राजधानी काठमांडू में संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट समेत अन्य सरकारी इमारतों पर धावा बोला और उन्हें आग के हवाले कर दिया। अन्य शहरों में भी सरकारी कार्यालयों को निशाना बनाया गया।
 
राजनैतिक नेताओं के घरों, पुलिस थानों पर हमले किए गए और नेपाल के त्रिभुवन अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कुछ समय के लिए बन्द कर दिया गया। इसके अलावा, अनेक मीडिया संस्थानों, स्कूलों, स्वास्थ्य मंत्रालय पर भी हमले किए गए। समाचार माध्यमों के अनुसार, मृतकों में प्रदर्शनकारी व पुलिसकर्मी भी हैं और अनेक अब भी लापता बताए गए हैं। कई शहरों में मची अफ़रातफ़री के कारण जेल से क़ैदियों के भागने की भी ख़बर है। कुछ ख़बरों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों में बाहरी तत्वों के प्रवेश से ये हिंसक हो गए, जिसके बाद सुरक्षा हालात और जटिल हो गए हैं।
 
संवाद का आग्रह : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोशल मीडिया पर अपने एक सन्देश में घटनाक्रम पर गहरा दुख व्यक्त किया और संयम, सम्वाद व हिंसा की विस्तृत जाँच का आग्रह किया। उन्होंने प्रशासनिक एजेंसियों से मानवाधिकार क़ानूनों का पालन करने की अपील करते हुए सचेत किया कि प्रदर्शनों को शान्तिपूर्ण ढंग से, जीवन सम्पत्ति के प्रति सम्मान दर्शाते हुए करना होगा।
 
क़ानून व्यवस्था बहाली के प्रयास : देश में व्यापक उथलपुथल के बीच, अन्तरिम सरकार के गठन के लिए प्रयास तेज़ हो गए हैं और संसद भंग करने व अहम संस्थाओं में सुधार पर चर्चा हो रही है। नेपाल की सेना ने मंगलवार देर रात को देश भर में सुरक्षा व्यवस्था अपने नियंत्रण में ले ली है और सैनिकों को काठमाँडू घाटी में तैनात किया गया है और आवाजाही पर पाबन्दी थोपी गई है। इसके लिए चौकियां बनाई गई हैं और लोगों से बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलने के लिए कहा गया है।
 
मीडिया के अनुसार, पुलिसकर्मियों से लूटे गए कुछ हथियारों को बरामद कर लिया गया है, जबकि कुछ युवाओं ने जेल से भागे हुए बंदियों को पकड़वाने में मदद की है। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को फिर से खोल दिया गया है और कुछ पुलिस स्टेशन पर भी कामकाज शुरू हो गया है।
 

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