शराब सेवन के बहुत से शारीरिक व मानसिक नुक़सान हैं, जिनमें कैंसर प्रमुख है। WHO के यूरोपीय क्षेत्र में औसतन 11 मौतों में एक एक व्यक्ति की मृत्यु शराब (Alcohol) के कारण होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के क्षेत्रीय कार्यालय ने इस समीकरण को बदलने का बीड़ा उठाया है।
शराब सेवन 200 से भी अधिक बीमारियों से जुड़ा हुआ है और उनमें छाती व कोलोन कैंसर के साथ-साथ, कम से कम सात प्रकार के कैंसर रोग भी हैं।
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यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि योरोपीय क्षेत्र के देशों में होने वाली कुल मौतों में से 8.8 प्रतिशत के लिए शराब ज़िम्मेदार है और ये आंकड़ा औसतन हर 11 में से एक मौत का बैठता है।
इस गम्भीर स्वासथ्य जोखिम और हानिकारक परिणाम के बावजूद, योरोप की आधी से भी कम आबादी, शराब और कैंसर के बीच सम्बन्ध से अनजान है।
दुनिया अक्टूबर को छाती कैंसर जागरूकता महीने के रूप में भी मना रही है, इस सन्दर्भ में यह भी ग़ौरतलब है कि हाल के एक अध्ययन के अनुसार, योरोपीय क्षेत्र के सबी देशों में केवल 21 प्रतिशत महिलाएं, शराब सेवन और छाती का कैंसर विकसित होने के बीच सम्बन्ध के बारे में जागरूक थीं। छाती का कैंसर होने का जोखिम पहले से ही शराब के बहुत कम सेवन के साथ भी देखा गया है।
जानकारी व जागरूकता की ज़रूरत : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन आंकड़ों को ध्यान रखकर ही लोगों में जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के इरादे से यह अभियान शुरू किया है। इसके तहत शराब के स्वास्थ्य प्रभावों पर नवीनतम शोधों व अक्सर शराब के नज़रअन्दाज़ कर दिए जाने वाली हानियों के बारे में चर्चाएँ कराई जाएंगी।
इस अभियान का नाम है - “Redefine alcohol”. इसमें यूरोपीय देशों में रहने वाले लोगों से शराब के साथ उनके निजी और सामाजिक सम्बन्धों का बारे में मन्थन करने का आहवान किया गया है। साथ ही उनसे दैनिक जीवन समारोहों और परम्पराओं में शराब की भूमिका पर फिर से ग़ौर करने का भी आग्रह किया गया है।
यूरोप के लिए WHO के क्षेत्रीय कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर गाउडेन गैली का कहना है, शराब, शारीरिक प्रभाव छोड़ने के अतिरिक्त, व्यापक सामाजिक समस्याओं को भी जन्म देती है। शराब सेवन हिंसा की बढ़ोत्तरी में भी एक प्रमुख कारक है, जिसमें यौन व लिंग आधारित हिंसा भी शामिल है
साथ ही सड़कों पर दुर्घटनाओं में लोग घायल होते हैं और अन्य तरह के ऐसे नुक़सान भी शामिल हैं, जिनसे ना केवल शराब सेवन करने वाले, बल्कि उनके परिवार व समुदाय भी प्रभावित होते हैं
शराब जोखिम के भुक्तभोगियों की आपबीती : इस अभियान के दौरान अक्टूबर और नवम्बर महीनों के दौरान, शराब की हानि के भुक्तभोगियों की आपबीती सामने रखी जाएंगी, जिन्होंने शराब के साथ अपने सम्बन्ध पर पुनर्विचार कर अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बनाया है। और शराब अब उनके जीवन में कोई स्थान या अहमियत नहीं रखती है।
इन आपबीती में शराब सेवन कम करने या पूरी तरह छोड़ देने के लाभों को उजाकर गिया जाएगा, जिनमें शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य शामिल हैं। मसलन, बेहतर नींद, बेहतर ध्यान और बेहतर ऊर्जा, बेहतर सम्बन्ध और कुल मिलाकर ज़िन्दगी को कहीं अधिक अहमियत दिया जाना।