संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को जारी अपने एक वक्तव्य में म्यांमार में हिंसा में आई तेज़ी पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि महासचिव ने हाल के दिनों में राख़ीन प्रान्त और सगाइंग क्षेत्र में म्यांमार की सेना द्वारा किए गए हमलों की कठोर निन्दा की है। इन हमलों में कई आम नागरिकों के मारे जाने की ख़बर है।
महासचिव ने म्यांमार में बद से बदतर होती स्थिति और उससे क्षेत्र पर होने वाले असर पर गहरी चिन्ता जताई है और मौजूदा चुनौती से निपटने के लिए एकजुट प्रयासों पर बल दिया है।
म्यांमार के राख़ीन प्रान्त में सेना और अलगाववादी अराकान आर्मी के बीच हिंसा में उछाल आया है, जिससे हज़ारों लोग बेघर हुए हैं। कई हमलों में अल्पसंख्यक रोहिंज्या समुदाय को निशाना बनाय गया है, जो पिछली कई
पीढ़ियों से राख़ीन में रह रहे हैं लेकिन उन्हें पूर्ण नागरिकता हासिल नहीं है।
वर्ष 2017 में सरकारी सुरक्षा बलों के कथित उत्पीड़न की वजह से लाखों रोहिंज्या लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ली थी।
यूएन प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिमी म्यांमार में राख़ीन जातीय समुदाय को निशाना बनाया जाना और रोहिंज्या का उत्पीड़न जारी रहना चिन्ताजनक है और यह सभी समुदायों की रक्षा किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
रोहिंज्या समुदाय के लिए मुश्किल : प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन हमलों के दौरान, समुदाय के कुछ सदस्यों का सिर, धड़ से अलग कर दिया गया और लोगों के घरों को जला दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, रोहिंज्या समुदाय के सवा दो लाख से अधिक लोग, हिंसा के कारण विस्थापन का शिकार हुए हैं और उन्हें फिर से बसाए जाने की ज़रूरत है।
इससे पहले, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने अपनी जान बचा कर भाग रहे, निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाए जाने जाने और लोगों के ग़ायब होने के मामलों पर जानकारी दी थी। बढ़ती हिंसा के बीच देश में खाद्य असुरक्षा बढ़ी और यह आने वाले महीनों में और गम्भीर रूप धारण कर सकती है।
जवाबदेही पर ज़ोर : स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा कि म्यांमार के कई हिस्सों से आम नागरिकों पर हवाई बमबारी और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप सामने आ रहे हैं, जिसके मद्देनज़र दोषियों की जवाबदेही तय की जानी होगी।
यूएन प्रमुख ने सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने, अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के तहत आम लोगों के संरक्षण को प्राथमिकता देने और सामुदायिक तनाव व हिंसा की रोकथाम पर बल दिया है।
महासचिव गुटेरेश ने हाल ही में विशेष दूत, जूली बिशप की नियुक्ति की है, और सदस्य देशों व हितधारकों से उन्हें समर्थन प्रदान करने का आग्रह किया है।
यूएन दूत, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के समूह (आसियान) और पड़ोसी देशों के साथ नज़दीकी सहयोग के ज़रिये, म्यांमार में सतत शान्ति को बढ़ावा देने के इरादे से प्रयास करेंगी।