सरकार ने समझी गरीबों की पीड़ा, 4 माह में 10 लाख गरीबों का इलाज

गुरुवार, 31 जनवरी 2019 (15:06 IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा कि गरीबों की पीड़ा को समझते हुए सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ शुरू की जिसके तहत सिर्फ चार महीने 10 लाख से ज्यादा लोगों ने उपचार कराया।
 
संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कोविंद ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत देश भर में अब तक 600 से ज्यादा जिलों में 4,900 जन औषधि केन्‍द्र खोले जा चुके हैं। 
 
उन्होंने कहा कि हम इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि बीमारी के इलाज का खर्च, किसी गरीब परिवार को और भी गरीब बनाता है। इस पीड़ा को समझने वाली मेरी सरकार ने, पिछले वर्ष ‘आयुष्मान भारत योजना’ शुरू की। 
 
राष्ट्रपति ने कहा, 'विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना- ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान’ के तहत देश के 50 करोड़ गरीबों के लिए गंभीर बीमारी की स्थिति में, हर परिवार पर प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के इलाज खर्च की व्‍यवस्‍था की गई है। सिर्फ 4 महीने में ही इस योजना के तहत 10 लाख से ज्यादा गरीब, अस्पताल में अपना इलाज करवा चुके हैं।'
 
उन्होंने कहा, 'मेरी सरकार का यह भी प्रयास रहा है कि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों पर इलाज के खर्च का बोझ कम से कम पड़े। दिल की बीमारी में इस्तेमाल होने वाले स्टेंट की कीमत कम किए जाने से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को औसतन लगभग 4,600 करोड़ रुपए सालाना की बचत हो रही है। घुटने के ट्रांसप्लांट (प्रतिरोपण) की कीमत कम किए जाने से लोगों को सालाना लगभग 1,500 करोड़ रुपए की बचत हो रही है।'
 
कोविंद ने कहा, 'मेरी सरकार ने किडनी (गुर्दे) की बीमारी से परेशान भाइयों और बहनों के लिए डायलिसिस की निशुल्क सेवा उपलब्ध कराई है। इससे डायलिसिस के हर सेशन में लोगों को 2 हजार रुपए से अधिक की बचत हो रही है।'
 
उन्होंने कहा, 'इसके साथ ही, सिर्फ 1 रुपया महीना के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब भाई-बहनों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है।'
 
राष्ट्रपति ने कहा कि कुपोषण के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों को दूर करने के लिए तथा कुपोषण से पीड़ित लोगों के लिए सरकार ने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है। देश के दूर-दराज और आदिवासी इलाकों में रहने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक भी टीकाकरण की सुविधा पहुंचे, इसके लिए सरकार ने ‘मिशन इंद्रधनुष’ योजना की शुरुआत की। जिसके फलस्वरूप अब देश बहुत तेजी के साथ ‘पूर्ण टीकाकरण’ के लक्ष्य के करीब पहुंच गया है। 
 
कोविंद ने कहा, 'मेरी सरकार स्वास्थ्य से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम तेजी से कर रही है। सरकार द्वारा नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है और देश की हर बड़ी पंचायत में वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं।' 
 

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