समीक्षा में कहा गया है कि निर्यात किए जाने वाले उत्पादों तथा गंतव्यों में विविधता लाने के लिए एफटीए को तेजी से पूरा करना जरूरी है। इसमें कहा गया कि भारत ने पिछले 25 वर्षों में अपने निर्यात गंतव्यों में विविधता हासिल की है, फिर भी देश के निर्यात का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा अभी भी केवल सात देशों के पास है।