नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक फरवरी को संसद में मोदी सरकार का बजट पेश करेगी। इस बजट से महंगाई से प्रभावित आम आदमी से लेकर अर्थशास्त्रियों तक सभी को काफी उम्मीदें हैं। सीतारमण का यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट है। इस वर्ष 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी है। ऐसे में लोगों को उम्मीद हैं कि बजट उनकी उम्मीदों के अनुरूप होगा।
आम लोगों को उम्मीद है कि वित्तमंत्री सीतारमण मोदी सरकार-2 के आखिरी पूर्ण बजट में कई जन हितैषी घोषणाएं करेगी। सरकार बजट महंगाई को कम करने की दिशा में भी कदम उठाएगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, MSME आदि सभी सेक्टर्स की बजट से अपनी अपनी उम्मीदें हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि बजट कई उद्देश्यों को संभालने की एक प्रक्रिया है, जैसे राजकोषीय सूझबूझ, महंगाई के बिना आर्थिक वृद्धि, गैर-कर स्रोतों से अधिक संसाधन जुटाना और जरूरत के अनुसार रियायतें देना। उन्होंने कहा कि चूंकि ये सभी चीजें अलग-अलग हैं, इसलिए वित्त मंत्री सभी मोर्चों पर निर्णायक रूप से आगे बढ़ने के लिए सूझबूझ के साथ कदम उठाएंगी।
आम चुनाव से पहले अंतिम पूर्ण बजट होने के कारण सीतारमण वेतनभोगियों और छोटे व्यापारियों को आयकर में राहत दे सकती हैं।
आम आदमी को आवासीय संपत्तियां खरीदने के लिए प्रेरित करने और रियल एस्टेट क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए आवास ऋण में छूट सीमा बढ़ाने की मांग भी की जा रही है। देश में रोजगार देने के मामले में कृषि के बाद दूसरे स्थान पर रियल एस्टेट ही है।
एंड्रोमेडा लोन्स एंड अपनापैसा के कार्यकारी चेयरमैन वी. स्वामीनाथन ने कहा कि आगामी बजट में सरकार कर्ज लेने वालों को राहत देने के लिए फैसले ले सकती है। उम्मीद है कि सरकार आवास ऋण ब्याज पर कटौती सीमा को दो लाख से तीन लाख करने की लंबे समय से लंबित मांग पर विचार करेगी।
वेतनभोगियों को राहत देने के संबंध में टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के भागीदार विवेक जालान ने कहा कि व्यक्तिगत कर दरें तत्काल कम करने की जरूरत हो गई है। (इनपुट : भाषा)