अंबेडकरनगर (उप्र)। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शाह से बड़ा ‘कसाब’नहीं हो सकता। अमित शाह ने कल ही ‘कसाब’शब्द का इस्तेमाल अपने भाषण में करते हुए कहा था कि ‘क’ से कांग्रेस, ‘स’ से सपा और ‘ब’से बसपा। इसके जवाब में मायावती ने शाह की तुलना कसाब से कर दी।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार में हत्या, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार और उत्पीडन, गुंडाराज, जमीन पर कब्जे, सांप्रदायिकता, दंगे, तनाव आदि की घटनाएं चरम पर हैं। इस सरकार के चलते प्रदेश में घोर असुरक्षा और आतंक का माहौल हावी है। विकास के कार्य भी आधे अधूरे किए जाते रहे हैं।
मायावती ने कहा कि सपा सरकार ने प्रदेश की जनता का सरकारी करोडों अरबों रूपए अकेले मीडिया में काफी बेदर्दी से खर्च कर दिया है जबकि इसी धन को गरीबों के हित व कल्याण के कार्यों पर भी खर्च किया जा सकता था। विकास और जनहित के जो भी थोड़े कार्य हुए उनमें से अधिकांश बड़े-बडे कार्यों की शुरुआत बसपा सरकार में ही कर दी गई थी। नाम बदलकर चला रहे हैं हमारी योजनाएं। समाजवादी पेंशन योजना का पहले का मूल नाम महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना था।
उन्होंने मुस्लिम वोटरों से अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज के लोग अपना वोट सपा उम्मीदवारों को देते हैं तो वह वोट पूरी तरह बेकार हो जाएगा और उसका सीधा फायदा भाजपा को ही पहुंच सकता है। बसपा का दलित वोट बेस पूरी तरह एकजुट और भाजपा को हराने के लिए तत्पर एवं सक्रिय है। मुस्लिम जुड़ गया तो भाजपा को इसका जबर्दस्त नुकसान पहुंचेगा।
मायावती ने कहा कि केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ में तीन महीने पहले देश में कालाधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की आड़ में बिना पूरी तैयारी के देश भर में अचानक पांच सौ और हजार रुपए के नोटों पर पाबंदी लगाने का ऐसा अति जन पीड़ादायक फैसला ले लिया, जिसकी मार से देश की जनता उबर नहीं पा रही है।