मजमून

आज तक आपने तितलियों को फूलों और कलियों के ऊपर मँडराते देखा होगा। फूलों का रस चूसने आई हैं या अठखेलि...
ग़ालिब की सालगिरह पर होने वाले इस नाटक में जाने-माने अभिनेता टॉम अल्टर ग़ालिब की भूमिका में दिखाई पड...
आप ये न समझना के मैं नाराज़ हो गया हूँ और अब कभी नहीं आऊँगा। आप जब चाहें मुझे याद कर सकते हैं। आप जब...
अगर आने में कुछ देर हुई है तो इसकी कोई न कोई वजह ज़रूर होगी। और वजह इसके सिवा और क्या हो सकती है के क...
उनकी जानिब से इशारे तो ज़रूर होते हैं, लेकिन उन इशारों का मतलब समझना बहुत मुशकिल है। इसलिए जब वो मोहब...
ग़ालिब न कर हुज़ूर में तू बार-बार अर्ज़ ज़ाहिर है तेरा हाल सब उन पर कहे बग़ैर
जिगर तिशना--मतलब बहुत बेचैन। आज मुझे अपने आँसू बहाने के दिन याद आ गए। और हमारा दिल बेचैन हो उठा और अ...
दुनिया में जब कुछ नहीं था, तब भी ख़ुदा था और अगर कुछ न होता तो भी ख़ुदा होता। अगर मैं न होता तो ज़ाहिर ...