pm vidya laxmi yojana : बैंक ऑफ बड़ौदा ने मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी (पीएम-विद्यालक्ष्मी) योजना शुरू करने का ऐलान कर दिया है। पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता चाहने वाले छात्रों के लिए केंद्र सरकार की एक पहल है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय बाधाएं भारत के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न करें।
प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना के तहत जिन छात्रों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है उन्हें 10 लाख रुपए तक के लोन पर 3 प्रतिशत की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाएगी। पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना एक विशेष ऋण सेवा है। इसके तहत बिना किसी जमानत और बिना किसी गारंटर के शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसे पूरी तरह से डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से सुलभ बनाया गया है।
क्या कहा बैंक ने
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने बयान में कहा, आवेदक पीएम-विद्यालक्ष्मी मंच के माध्यम से बैंक ऑफ बड़ौदा से पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना के तहत शिक्षा ऋण के लिए डिजिटल रूप से आवेदन कर सकते हैं। देशभर के विद्यार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक के पास 8,300 से अधिक शाखाओं के अलावा 12 समर्पित शिक्षा ऋण स्वीकृति प्रकोष्ठ (ईएलएससी) और 119 खुदरा परिसंपत्ति प्रसंस्करण प्रकोष्ठ (आरएपीसी) हैं।
75 प्रतिशत की गारंटी सरकार की
प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को दिया जाता है, जिनकी पारिवारिक आय सालाना 8 लाख रुपए से कम है। इस स्कीम के अंतर्गत अगर कोई छात्र 7.5 लाख रुपये का लोन लेता है तो उस पर भारत सरकार गारंटी देती है। छात्र जिस कॉलेज में एडमिशन ले रहा है उसकी एनआईआरएफ रैंकिंग 100 होनी चाहिए। इसके अलावा राज्य स्तर पर कॉलेज की रैंकिंग 200 तक होनी जरूरी है। इसके अलावा इंस्टीट्यूट का सरकारी होना भी आवश्यक है।