- ईशु शर्मा
अक्सर आपने कई विद्वानों से ये सुना होगा कि सफल लोग बोलने से ज़्यादा लोगों को ध्यान से सुनना पसंद करते हैं क्योंकि सुनकर ही हम किसी की बात और उसके व्यक्तित्व को अच्छी तरह से पहचान सकते हैं। हमारी कान की नसें दिमाग से जुड़ी हुई होती है जिसकी मदद से हमारा दिमाग किसी संदेश को सुनने के बाद रेस्पॉन्ड (respond) करता है। हमारे कान की झिल्ली इतनी कमज़ोर होती है कि किसी भी तेज़ प्रभाव या आवाज़ से फट सकती है जिससे हमारे दिमाग पर भी असर पड़ सकता है।
इन्ही समस्याओं को देखते हुए विश्व स्वस्थ संगठन (World Health Organisation) द्वारा हर साल 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day) मनाया जाता है। हर साल विश्व स्वस्थ संगठन सेमिनार, वेबिनार, पोस्टर्स, प्रेजेंटेशन जैसे कई साधनों की मदद से लोगों को श्रवण शक्ति के लिए सतर्क करता है। इस दिवस की शुरुआत 2007 में इंटरनेशनल एयर डे (International Ear Day) के नाम से की गई थी पर 2016 में इसका नाम बदल कर वर्ल्ड हियरिंग डे (World Hearing Day) रख दिया गया।
क्या है विश्व श्रवण दिवस 2023 की थीम? : इस वर्ष विश्व श्रवण दिवस की थीम "कान और सुनने की देखभाल सभी के लिए, आइए इसे हकीकत बनाएं" (Ear and Hearing Care for All! Lets Make it Reality) निर्धारित की गई है। इस थीम के ज़रिए श्रवण एवं कान से जुड़ी सभी समस्याओं को प्राइमरी केयर के अंतर्गत लाना है ताकि लोग कान के महत्व को समझ सकें।
कान से जुड़े 5 रोचक तथ्य | 5 interesting facts related to ear:-
1. आपके कान सोते समय भी काम करते हैं। हालांकि सोते समय आपका दिमाग आवाज़ को अच्छी तरह से प्रोसेस (process) नहीं कर पता है।