चंडीगढ़। गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में शामिल अरुण मौर्य पर पिछले साल हरियाणा के पानीपत में अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौर्य पर फरवरी, 2022 में शस्त्र अधिनियम के तहत और उसी साल मई में एक अन्य मामला दर्ज किया गया था तथा वह जेल भी गया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरोपी कभी हरियाणा के पानीपत और कभी उत्तरप्रदेश के कासगंज स्थित अपने पैतृक गांव कादरवाड़ी में रहता था। पानीपत के पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने फोन पर बताया कि मौर्य के खिलाफ 2022 में 2 मामले दर्ज थे।
उन्होंने कहा कि फरवरी 2022 में अवैध हथियार रखने के चलते शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज किया गया था जबकि दूसरा मामला मई में एक झगड़े को लेकर दर्ज किया गया था। जब पानीपत में मौर्य के खिलाफ पहली बार शस्त्र अधिनियम के तहत पहला मामला दर्ज किया गया था तो उसकी उम्र कितनी थी? इस सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने जवाब दिया कि हमारे रिकॉर्ड के अनुसार वह लगभग 18 साल का था।
अधिकारी ने कहा कि वह दोनों मामलों में जमानत पर था। शेखावत ने कहा कि मौर्य का परिवार कासगंज से है, लेकिन उसके दादा पानीपत में काम करते थे। मौर्य के चाचा सुनील के मुताबिक आरोपी ने मैट्रिक की पढ़ाई की है। पानीपत में रहने वाले सुनील ने पत्रकारों को बताया कि आरोपी का 12 साल का एक भाई है, जो छात्र है।
अतीक और उसके भाई की हत्या पर आरोपी के चाचा ने कहा कि घटना के बारे में परिवार को तब पता चला, जब हरियाणा पुलिस मौर्य के बारे में पूछताछ करने के लिए उनके घर पानीपत पहुंची। अहमद (60) और उसके भाई अशरफ को पत्रकारों के रूप में आए 3 लोगों ने शनिवार की रात उस वक्त गोली मार दी, जब पुलिसकर्मी उन्हें चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे।
प्रयागराज अस्पताल के बाहर मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में हुई गोलीबारी के तुरंत बाद हमलावरों- बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ सन्नी (23) और मौर्या को गिरफ्तार कर लिया गया। प्राथमिकी के अनुसार हमलावरों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए हत्याकांड को अंजाम दिया।(भाषा)