Ayodhya: उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ठान लिया है कि रामनगरी अयोध्या को उत्तरप्रदेश तो क्या, हिंदुस्तान में अनोखी पहचान दिलाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। श्रीरामनगरी अयोध्या में जहां एक तरफ रामलला का भव्य-दिव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का कार्य काफी प्रगति पर है तो दूसरी तरफ अयोध्या में योगी सरकार के कई ऐसे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जो कि इस वर्ष के दिसंबर 2023 में लगभग पूरे हो जाएंगे। इसके बाद भगवान राम की नगरी अयोध्या इन प्रोजेक्टों के जरिए विश्व के मानचित्र पर अद्भुत नजर आएगी।
योगी द्वारा देखे गए सपने की अयोध्या के 5 प्रोजेक्ट हैं- अयोध्या में निर्माणाधीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट। अयोध्याधाम रेलवे स्टेशन। पतित पावनी सरयू की जलधारा में चलने वाले क्रूज। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को जाने वाले 3 पथ
अयोध्या सीमा के चारों तरफ ऋषि-मुनियों के नाम से बनाए जा रहे द्वार।
इन पांचों प्रोजेक्ट्स पर कार्य बड़े ही तीव्र गति से चल रहा है जिसे दिसंबर 2023 में पूर्ण कर लेने का टारगेट भी दिया गया है, क्योंकि रामलला के अपने गर्भगृह में विराजमान होने से पूर्व सारे निर्धारित कार्यों को पूर्ण कर लेना है कि जब जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद राम मंदिर भक्तगणों के लिए खोला जाऐगा तो देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों, श्रद्धालुओं की आंखें श्रीरामनगरी अयोध्या को देख खुली की खुली रह जाए और इसीलिए हर तरफ रामायण से जुड़े प्रसंगों व तस्वीरों इत्यादि को महत्व दिया जा रहा है।
चाहे अयोध्या में राम मंदिर से लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर बन रहे श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण हो जिसके इंटरनेशनल प्रथम फेज का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है। 1 दिसंबर 2023 में अयोध्या आने वाले श्रद्धालु हवाई यान के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं। राम मंदिर की तर्ज पर बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट में भगवान राम के जीवन पर आधारित चल चित्रों का भी वर्णन किया जा रहा है।
अयोध्याधाम रेलवे स्टेशन के प्रथम फेज का कार्य भी लगभग 90 फीसदी पूरा हो गया है। यह श्रद्धालुओं के लिए दिसंबर 2023 में शुरू कर दिया जाएगा। अयोध्याधाम रेलवे स्टेशन को भी राम मंदिर का स्वरूप दिया जा रहा है। इस रेलवे स्टेशन पर लोगों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
राम मंदिर तक जाने के लिए अयोध्या में इन दिनों तीन पथ का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है। इसमें सबसे लंबा राम पथ बन रहा है। इसके अलावा बिरला धर्मशाला से लेकर जन्मभूमि तक जाने के लिए जन्मभूमि पथ का काम भी पूरा हो चुका है और रामभक्तों के लिए शुरू भी कर दिया गया है। हनुमानगढ़ी श्रृंगार हाट बैरियर से लेकर राम जन्मभूमि तक जाने के लिए भक्ति पथ का निर्माण किया जा रहा है। ये तीनों पथ श्रद्धालुओं के लिए दिसंबर 2023 में शुरू कर दिए जाएंगे।
वहीं रामनगरी अयोध्या के चारों सीमाओं पर 6 द्वारों का निर्माण किया जा रहा है ताकि श्रद्धालु जब धर्मनगरी अयोध्या में प्रवेश करें तो उनको यह आभास हो कि वे धर्मनगरी अयोध्या में हैं। लखनऊ से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राम द्वार, तो प्रयागराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भक्ति द्वार, गोंडा से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लक्ष्मण द्वार, गोरखपुर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हनुमान द्वार, वाराणसी से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जटायु द्वार और रायबरेली से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गरुड़ द्वार बनाए जा रहे हैं।
अयोध्या की हृदयस्थली कहा जाने वाला गुप्त हरि घाट है, जहां से श्रीराम वैकुंठ धाम को गए थे। यह वही घाट है जिसे धार्मिक के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। दूरदराज से पर्यटक अयोध्या आते हैं तो गुप्त हरि घाट को देखकर भावविभोर हो जाते हैं। इतना ही नहीं, गुप्त हरि घाट से लेकर सरयू घाट तक लगभग 13 किलोमीटर तक रामायण क्रूज चलाए जाने की भी योजना शुरू होने वाली है। इसका निर्माण गुप्त हरि घाट पर ही किया जा रहा है।