Mauni Amavasya Prayagraj: उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) की 'संगम नगरी' प्रयागराज (Prayagraj) में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर शुक्रवार सुबह 8 बजे तक लगभग 90 लाख लोगों ने गंगा (Ganga) में आस्था की डुबकी लगाई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। माघ मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 8 बजे तक करीब 90 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया।
घाटों पर उमड़ा जनसैलाब: उन्होंने बताया कि गुरुवार मध्यरात्रि 12 बजे से ही जनसैलाब घाटों की तरफ उमड़ा हुआ है और गांव-देहात और दूसरे जिलों से स्नानार्थी सिर पर गठरी रखकर मेला क्षेत्र में आ रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए घाटों की लंबाई 6,800 फुट से बढ़ाकर 8,000 फुट कर दी गई है और कुल 12 घाट बनाए गए हैं एवं सभी घाटों पर पर्याप्त संख्या में वस्त्र बदलने की सुविधा स्थापित की गई है।
एनडीआरएफ के जवान विभिन्न घाटों पर तैनात : उन्होंने बताया कि इसके अलावा सार्वजनिक शौचालयों की संख्या भी 1,800 से बढ़ाकर 6 हजार कर दी गई है और 12,000 संस्थागत शौचालयों के साथ मेला क्षेत्र में शौचालयों की कुल संख्या अब 18,000 हो गई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ के जवान विभिन्न घाटों पर तैनात किए गए हैं। साथ ही एनडीआरएफ की महिला बचाव कर्मियों की भी तैनाती की गई है।
प्रयागराज के किन्नर अखाड़े में आग से 3 लोग झुलसे : उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में किन्नर अखाड़ा के शिविर में गुरुवार देर रात आग लगने से 3 लोग झुलस गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक किन्नर अखाड़ा के शिविर में लगी आग में झुलसे घायलों को मेला स्थित गंगा अस्पताल में प्राथमिक उपचार देकर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) भेज दिया गया।
मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद ने बताया कि कल (गुरुवार) देर रात किन्नर अखाड़ा के शिविर में अचानक आग लग गई जिसमें 3 लोग झुलस गए। उन्होंने बताया कि घायलों को गंगा अस्पताल में प्राथमिक उपचार देकर एसआरएन स्थानांतरित कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि दमकलकर्मियों ने करीब 1 घंटे में आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया हालांकि आग में काफी सामान जलकर खाक हो गया। किन्नर अखाड़ा की सदस्य राधिका तिवारी ने बताया कि शिविर में आग लगने से खाने-पीने का सामान, बिस्तर और कपड़े आदि सब कुछ जल गए।(भाषा)