2005 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अफजाल पर यह मामला दर्ज किया गया था। इसके साथ ही अदालत ने इसी मामले में अफजाल की सजा बढ़ाने की उत्तरप्रदेश सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष कुमार राय की अपील भी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति एसके सिंह इस मामले में सुनवाई करते हुए गाजीपुर की अदालत के निर्णय को रद्द करने का आदेश पारित किया।
इसके बाद, अफजाल सांसद के तौर पर अयोग्य हो गए जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दायर की। उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई 2023 को अफजाल को जमानत दे दी, लेकिन इस मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके चलते उन्हें जेल से तो रिहा कर दिया गया, लेकिन उनकी सांसदी बहाल नहीं हुई। साथ ही वह भविष्य में चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए क्योंकि उन्हें सुनाई गई सजा दो वर्ष से अधिक की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में 4 जुलाई 2024 को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। भाषा Edited by : Sudhir Sharma