अफजाल अंसारी के मामले में अब हाईकोर्ट में 2 जुलाई को होगी सुनवाई

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 4 जून 2024 (00:18 IST)
Afzal Ansari's case to be heard on July 2, criminal appeal : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की आपराधिक अपील पर सुनवाई 2 जुलाई तक के लिए सोमवार को टाल दी। अंसारी ने गाजीपुर की एक अदालत द्वारा गैंगस्टर कानून के तहत एक मामले में सुनाई गई सजा को चुनौती दी है।
 
अफजाल के खिलाफ यह मामला, भाजपा सांसद कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या के बाद दर्ज किया गया था। मौजूदा आपराधिक अपील के साथ ही यह अदालत इसी मामले में अफजाल की सजा बढ़ाने की राज्य सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की अपील पर भी सुनवाई कर रही है।
 
पुनरीक्षण याचिका के खिलाफ आपत्ति दाखिल : सोमवार को सुनवाई के दौरान, अफजाल के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने अदालत को सूचित किया कि पीयूष कुमार राय और सरकार द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका के खिलाफ अपीलकर्ता की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है। इस पर न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने इस आपराधिक अपील पर सुनवाई दो जुलाई तक के लिए टाल दी।
ALSO READ: कृष्णानंद राय की हत्या के बाद दहशत का पर्याय बन गया था मुख्तार अंसारी
गाजीपुर की सांसद-विधायक अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को अफजाल को गैंगस्टर कानून के मामले में दोषी करार दिया था और उसे चार साल की जेल की सजा सुनाई थी और साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। अदालत ने अफजाल के भाई मुख्तार अंसारी को भी दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष जेल की सजा सुनाई थी।
 
अफजाल की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार : इसके बाद अफजाल सांसद के तौर पर अयोग्य हो गए जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में मौजूदा आपराधिक अपील दायर की। उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई, 2023 को पांच बार के विधायक और दो बार के सांसद अफजाल को जमानत दे दी, लेकिन इस मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके परिणामस्वरूप उनकी सांसदी बहाल नहीं हुई। इसके साथ ही वह भविष्य में चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए क्योंकि उन्हें सुनाई गई सजा दो वर्ष से अधिक की थी।
ALSO READ: UP : राजगुरु, बिस्मिल, भगत सिंह, देश के शहीदों से मुख्तार की तुलना, अफजाल अंसारी का वीडियो वायरल
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जिसके परिणामस्वरूप उनकी सांसदी बहाल हो गई और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के योग्य हो गए। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय में लंबित आपराधिक अपील पर तेजी से सुनवाई करने और 30 जून तक इस पर निर्णय करने का निर्देश दिया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी