आजम खान को सता रहा है एनकाउंटर का डर, बीच में बैठने से किया इनकार

Webdunia
रविवार, 22 अक्टूबर 2023 (15:12 IST)
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रविवार को तड़के रामपुर जिला कारागार से क्रमश: सीतापुर और हरदोई की जेल भेज दिया गया। रामपुर जेल से निकलते समय आजम खान ने इस बात की आशंका जताई कि हमारा एनकाउंटर भी किया जा सकता है।
 
कारागार महानिदेशक (डीजी) एस.एन. साबत ने कहा कि आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दूसरी जेलों में भेजा गया है। आजम खान को रामपुर से सीतापुर और अब्दुल्ला को हरदोई जिला कारागार में स्थानांतरित किया गया है।
 
अब्दुल्ला आजम खान के दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के मामले में 18 अक्टूबर 2023 को आजम खान उनकी पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फातिमा और छोटे बेटे अब्दुल आजम खान को अदालत ने सात-सात वर्ष कारावास की सज़ा सुनाई थी एवं 50-50 हजार का जुर्माना लगाया था।
 
इसके बाद उन्हें रामपुर जिला कारागार भेज दिया गया था। आजम और अब्‍दुल्‍ला की जेलें बदली गई हैं हालांकि तजीन फातिमा रामपुर जिला जेल में ही रहेंगी।
 
रविवार को तड़के करीब चार बजकर 40 मिनट पर रामपुर जिला कारागार से अचानक दूसरे जिलों की जेल में स्थानांतरित करने के लिए पिता-पुत्र को रामपुर जेल से बाहर निकाला गया। जब आजम खान को पुलिस के कैदी वाहन में बैठाया जाने लगा तो उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने पुलिस से कहा कि इस पुलिस की गाड़ी में बब्बा नहीं बैठ पाएंगे, बाबा की कमर इस काबिल नहीं है।
 
सपा नेता आजम खान ने पत्रकारों से कहा कि हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है, कुछ भी हो सकता है। फिर आजम खान ने बेटे से मुखातिब होते हुए कहा कि तुम इस गाड़ी में जाओगे, क्या चले जाओगे, बैठ जाओ आराम से, बहुत ही मजबूती से...।
 
जब आजम खान को पुलिस की जीप में पिछली सीट के बीच में बैठाने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि हम बीच में नहीं बैठ पाएंगे। पुलिस ने आजम खान से दोबारा कहा कि बीच में बैठ जाइए तो इस पर करीब 75 वर्षीय आजम खान ने कहा कि नहीं बिल्कुल नहीं बैठ पाएंगे, बीमार आदमी हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमारी कमर ही इस काबिल नहीं कि बीच में बैठ पाएं। नहीं हम बिल्कुल बीच में नहीं बैठ सकते, आप हमारी उम्र का तो ख्याल रखें, आप हमारे हाथ पैर तोड़ कर ले जाओ लेकिन हम बीच में नहीं बैठ पाएंगे। इसके बाद पुलिस उन्‍हें किनारे की सीट पर बिठाकर ले गई।
 

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