azam khan : सपा के कद्दावर नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुला आजम को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई और तीनों को कड़ी सुरक्षा में रामपुर जेल रवाना कर दिया गया है। कोर्ट से बाहर पुलिस कस्टडी में आजम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'अभी फैसला हुआ है, इंसाफ नही।' इस मामले में मेरे वकील निर्णय करेंगे अपील कब करनी है।
एमपी एमएलए कोर्ट में मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने आजम दंपत्ति और बेटे अब्दुल्ला को इसलिए दोषी माना है कि अब्दुल्ला आजम के नाम पर उनके 2 जन्म पत्र बने हुए हैं। पहला जन्म प्रमाण पत्र 1 जनवरी 1993 में रामपुर नगर पालिका द्वारा अब्दुल्ला आजम के नाम पर बना और उसी जन्मतिथि को अंकित करते हुए अब्दुल्ला आजम ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है।
माना जा रहा है कि उच्च शिक्षा पाने के बाद अब्दुल्ला की जन्मतिथि 1993 करियर में बाधा बन रही थी तो उनकी माता तंजीम फातिमा ने लखनऊ नगर निगम में प्रार्थना पत्र दिया कि अब्दुल्ला का जन्म 30 सिंतबर 1990 को लखनऊ में हुआ था। जिस समय 1990 का लखनऊ से जन्म पत्र बना उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार रही है। कोर्ट ने सजा सुनाने से पहले दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और साक्ष्यों पर भी गौर किया। जन्मपत्र में गलती यदि एक स्तर पर हुई थी तो समय रहते सुधार होना चाहिए था।
आजम खान ने अपने हस्ताक्षर ने नाबालिग बेटे अब्दुल्ला का पासपोर्ट 1993 सन से ही बनवाया था। कोर्ट ने प्रस्तुत सभी साक्ष्यों को देखते हुए फैसला सुनाया है
अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र का मामला उस समय सुर्खियों में आया जब 3 जनवरी, 2019 को रामपुर के गंज पुलिस थाने में भाजपा के वर्तमान विधायक आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज एक शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने अपने बेटे के दो फर्जी जन्मतिथि प्रमाण-पत्र प्राप्त किए। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने इसमें से एक जन्म प्रमाण-पत्र लखनऊ से और दूसरा रामपुर से प्राप्त किया गया था।
विधानसभा 2022 के चुनाव में अब्दुल्ला आजम समाजवादी पार्टी के बैनर पर स्वार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीते भी। अब्दुल्ला आजम को 2008 के एक मामले में मुरादाबाद कोर्ट ने दोषी मानते हुए गत फरवरी में 2 साल की सजा सुनाई थी।
दोषसिद्ध होने के बाद सजा के दिन बीतते ही अब्दुल्ला आजम को उत्तरप्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम ने सजा पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन वहां भी उनकी याचिका अस्वीकार कर दी गई।
आजम खान उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला आजम को अधिकत 7 साल की सजा सुनाए जाने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आजम का धर्म दूसरा है, इसलिए उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनके खिलाफ साजिश और षड्यंत्र की गई है। आजम खान मुसलमान समाज से हैं इसलिए उन्हें इस सजा का सामना करना पड़ रहा है।