Saurabh Shukla murder case : बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने मेरठ में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि मेरठ में सौरव हत्याकांड हुआ है, उसके बाद अब नीले ड्रम से डर लगने लगा है, संस्कारों के अभाव और पाश्चात्य संस्कृति का बोलबाला घातक साबित हो रहा है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमारा नारा रहा है कि बच्चे 2 ही अच्छे, लेकिन जब दूसरे 30 बच्चे पैदा कर रहे हैं, इसलिए हम कहेंगे कि बच्चे पैदा करो, लेकिन उनमें क्वालिटी हो, संस्कारों से परिपूर्ण हो, यदि चार बच्चे हो तो संस्कारवान बनाने के साथ कट्टरवादी हिन्दू बनाओ।
नीला ड्रम और सौरभ हत्याकांड पर प्रतिक्रिया
मेरठ सौरभ हत्याकांड पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने निंदा करते हुए नीले ड्रम पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि आज के पति सदमे में हैं, लेकिन भगवान की कृपा है कि उनकी शादी नहीं हुई। इस घटना को समाज की गिरती हुई मानवीयता, संस्कारों की कमी और पालन-पोषण का परिणाम बताया है। समाज के मूलभूत ढांचे को बनाए रखने के लिए हर भारतीय को रामचरितमानस पढ़ाना और उसका अनुसरण कराना होगा।
राणा सांगा पर टिप्पणी करने वालों को पंडित शास्त्री की चेतावनी
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि राणा सांगा पर टिप्पणी करने वाले लोगों को अपनी बुद्धि की शुद्धि करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे औरंगज़ेब को महान नहीं मान सकते, क्योंकि विदेशी आक्रमणकारी और विधर्मी कभी महान नहीं हो सकते। आज विदेशी आक्रमणकारियों के नामों को मिटाने की आवश्यकता है और भारत के इतिहास में सही स्थान देने की आवश्यकता है।
पंडित शास्त्री का हिंदू राष्ट्र पर जोर
पंडित शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र के पक्ष में खुलकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र में हर किसी को अपने-अपने धर्म का पालन करने का अधिकार होगा। हिंदू राष्ट्र में गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा मिलेगा और जातिवाद से मुक्त समाज का निर्माण होगा। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत के विभाजन की साजिशों में सबसे बड़ा कास्टिज़्म है अब समय आ गया है जब समूचा राष्ट्र एक मुट्ठी बने और देश को जोड़ने का कार्य किया जाए, न कि तोड़ने का।
'क्रांति पृथ्वी का पाठ' का आह्वान
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने 'शांति पृथ्वी का मंत्रोच्चारण' के बजाय 'क्रांति पृथ्वी का पाठ' का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अब देश में शांति की बजाय क्रांति का पाठ होना चाहिए। उनका कहना था कि जब तक हम शांति के साथ रहेंगे, तब तक देश में जोड़ने की प्रक्रिया धीमी रहेगी। भारत की एकता के लिए जातपात से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद होना चाहिए, एक हाथ में संविधान तो दूसरे में गीता-पुराण होना चाहिए।
महान औरंगजेब और बाबर नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी महान का गुणगान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि काशी, मथुरा और संभल जैसे स्थानों के नाम बदलने की आवश्यकता है और इस दिशा में शांति की जगह क्रांति का पाठ जरूरी है।
हिंदू समाज एकजुट हो, बच्चे चाहे 4 हों, हिन्दुत्व के लिए कट्टरवादी हो
पंडित शास्त्री ने हिंदू समाज को एकजुट करने का आह्वान करते हुए कहा कि वो दिल्ली से वृंदावन तक एक पदयात्रा करेंगे, जिससे हिंदू समाज को एकजुट किया जा सके। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में जनसंख्या वृद्धि का सवाल चिंता का विषय है, हिन्दुओं की घटती जनसंख्या और दूसरे लोग कतार लगा रहे हैं, तीस बच्चे पैदा कर रहे हैं, यह चिंता का विषय है।धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमारा नारा है कि बच्चे दो ही अच्छे, लेकिन अब मैं कहूंगा कि बच्चे चार ही अच्छे, लेकिन इन बच्चों को क्वालिटी दो, संस्कारवान बनाओ, हिन्दुत्व के लिए तैयार करो।
हिन्दू राष्ट्र बनने से होगा उत्थान बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मेरठ में हिन्दुत्व की क्रांति के लिए इसलिए आए हैं, यहां कुछ वर्ष पूर्व एक बात सामने आई थी कि संख्या में हम 42-45% हैं, गोटी और बोटी होने की बात सुनकर मन दुखी हुआ था। इसलिए हम बता देना चाहते हैं कि यह देश संविधान और हनुमान से चलेगा।
सनातनी एकता हिन्दुत्व से आएगी, एकता के सूत्र में पिरोने के लिए, तृतीय विश्वयुद्ध से बचाने के लिए हिन्दू राष्ट्र जरूरी है। हिन्दू राष्ट्र बनने के बाद देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों, पालघर जैसे संतों की हत्या, बहराइच, मणिपुर... देश विरोधी ताकतों से मुक्ति मिलेगी। हिन्दू राष्ट्र में सभी रह सकेंगे, यह जातपात और भेदभाव की राजनीति से ऊपर होगा। यहां रहने वाला हर व्यक्ति तिरंगे का सम्मान करेगा, अपमान नहीं कर पाएगा।
हिंदू राष्ट्र में सामाजिक सुधार की आवश्यकता
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि हिंदू राष्ट्र से सामाजिक सुधार होगा, उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र में गौमाता को सम्मान मिलेगा और जातिवाद जैसी नकारात्मक राजनीति का देश में कोई स्थान नहीं होगा। साथ ही उन्होंने एक हाथ में गीता और पुराण तथा दूसरे हाथ में संविधान लेकर एक नया भारत बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि जो लोग संभल में पत्थर फेंक रहे हैं, पहले हम कहते थे कि अयोध्या तो झांकी है, काशी, मथुरा बाकी है, अब कहेंगे काशी, मथुरा और संभल बाकी है।