मायावती ने एक ट्वीट में कहा कि मजदूर तथा मेहनतकश वर्ग अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस को मई दिवस के रूप में हर वर्ष धूमधाम से मनाते हैं, परंतु वर्तमान कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण उनकी रोजी-रोटी पर अभूतपूर्व गहरा संकट छाया हुआ है। ऐसे में केंद्र तथा राज्यों की कल्याणकारी सरकार के रूप में भूमिका बहुत ही जरूरी है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों से अपील है कि वे करोड़ों गरीब मजदूरों तथा मेहनतकश परिवार वालों के जीवनदायी हितों की रक्षा में सार्थक कदम उठाएं और उन बड़ी निजी कंपनियों का भी संज्ञान लें, जो केवल अपना मुनाफा बरकरार रखने के लिए कर्मचारियों के वेतन में मनमानी कटौती कर रही हैं। (भाषा)