मुख्य शिकायतकर्ता एवं अयोध्या में वक्फ संपत्ति को बचाने के लिए गठित एक स्थानीय समिति 'अंजुमन मुहाफिज मसाजिद वा मकाबिर' के अध्यक्ष आजम कादरी ने कहा कि मस्जिद बद्र मोहम्मद रईस के मुतवल्ली ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ 30 लाख रुपए में बिक्री का समझौता किया है और 15 लाख रुपए अग्रिम ले लिए हैं।
कादरी ने बताया कि समझौता 1 सितंबर को हुआ था, लेकिन स्थानीय मुस्लिम समूहों को इसके बारे में हाल ही में पता चला। उन्होंने बताया कि मस्जिद बद्र अयोध्या के मोहल्ला पांजी टोला में स्थित है जिसका उपयोग स्थानीय लोग रोजाना नमाज पढ़ने के लिए करते हैं। मस्जिद उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, वक्फ संख्या 1213 के साथ विधिवत पंजीकृत है और सरकारी गजट और अन्य दस्तावेजों में भी मस्जिद के रूप में इसका उल्लेख किया गया है।
उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वरिष्ठ अधिवक्ता आफताब अहमद ने बताया कि केंद्रीय वक्फ अधिनियमों और उच्चतम न्यायालय द्वारा अलग-अलग समय पर दिए गए विभिन्न फैसलों के अनुसार किसी को भी वक्फ संपत्तियों को बेचने, स्थानांतरित करने या उपहार में देने का अधिकार नहीं है।