मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर ड्रग्स डिपार्टमेंट ने जीवनदायिनी दवाओं का एक्सपायरी जखीरा बरामद किया है। इन दवाओं की रिपैकेजिंग करके बाजार में बेचने की तैयारी पर औषधि विभाग ने पानी फेर दिया। कोरोना काल में इन अवैध और एक्सपायर्ड दवाओं का काला कारोबार ग्राम प्रधान का देवर था, जो उन्हें कम रेटों पर मार्केट में सप्लाई करता था।
छापेमारी के दौरान लगभग 80 लाख की नकली और एक्सपायरी दवा जब्त की गई है। हालांकि इस दवाओं को बेचकर मुनाफा कमाने वाला आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।
मुजफ्फरनगर ड्रग्स विभाग को दो दिन पहले मुखबिर से सूचना मिली थी कि मंडी कोतवाली क्षेत्र के शेरनगर गाँव में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान पति इकराम के छोटे भाई ईनाम ने घर के अंदर अवैध दवा एकत्रित कर रही है, इसी सूचना पर ड्रग्स विभाग, जिला मजिस्ट्रेट ने पुलिस के साथ मिलकर ग्राम प्रधान पति के घर छापेमारी की।
छापेमारी के दौरान पुलिस घर के अंदर घुसकर दंग रह गई, क्योंकि छापेमारी के दौरान इनाम के मकान में कई कमरों में एलोपैथिक दवाईयों का जखीरा भरा हुआ था। ये ऐलोपैथिक दवा सैंपल एक्सपाइरी और रूप से जमा किये गये है, जिनक क़ीमत बाजार में लगभग 80 लाख रुपये के आसपास की बताई जा रही है। इस दौरान मौके से आरोपी इनाम पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा।
मुजफ्फरनगर ड्रग्स डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर लवकुश कुमार के मुताबिक घर के अंदर से दवा कम्पनियों द्वारा डाक्टरों को दिए जाने वाले एक्सपायरी दवाओं के सैंपल बड़ी मात्रा में बरामद हुए हैं। जिसकी बाजार में लगभग कीमत 80 लाख रुपए के आसपास है।
मिली जानकारी के मुताबिक ये लोग यहाँ पर इन एक्सपाइरी दवाईयों की डेट मिटाकर उन्हें रीप्रिंट कर मार्किट में बेचने का काम कर रहे थे। इस मामले में आरोपी इनाम के खिलाफ ड्रग्स एक्ट 18/27 की धारा में कार्रवाई की जा रही है।
यह शातिर आरोपी बरामद दवाइयों से उस पर अंकित तारीख और मुहर मिटाकर उसकी जगह दूसरी मुहर लगाकर बाजार में बेचने की तैयारी कर रहा था।
बाजार में इन दवाओं के आने से पहले ही औषधि निरीक्षक को इसकी भनक पड़ गई और जीवन को नुकसान पहुंचाने वाली मेडिसिन जब्त कर ली गई है साथ ही ड्रग्स डिपार्टमेंट इस बात की भी जांच कर रहा है की यह दवाइयां किन मेडिकल स्टोरों से ली गई और कहां पर सप्लाई होनी थी। हालांकि पूरे मामले की असलियत इनाम के पकड़े जाने पर ही सामने आ पायेंगी।
पुलिस को इनाम के घर से ना तो ड्रग लाइसेंस मिला है, यानी दवाओं का अवैध रूप से कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस की गिरफ्त से इनाम अभी दूर है, लेकिन उसके ग्राम प्रधान पति इकराम ने पूछताछ में बताया है कि उसका भाई डाक्टरी का काम करता है, ये दवाएं वह कहां से लाया है उसकी जानकारी में नहीं है।
बहराल छापेमारी करने वाली टीम से मिली इन दवाओं को जब्त करके थाने में भेज दिया है। अब ये टीम पकड़ी गई दवाईयों की जांच करके ये जाने का प्रयास कर रही है कि इन मेडिसिन में कोरोना की दवा तो नहीं है, कही कोरोना काल में इन दवाईयों को बाज़ार में सप्लाई तो नहीं किया जाना था।