कानपुर। मुख्यमंत्रीजी, आप खुद ही देख लीजिए कि कानपुर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का सरकारी अस्पतालों में क्या हाल है। यहां पर आने वाले मरीजों को दवा तो छोड़िए, स्ट्रेचर तक नसीब नहीं होता है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि कानपुर में सरकारी अस्पतालों के हालात खुद बयां कर रहे हैं।
पीड़ितों ने तो यहां तक आरोप लगाया कि कई बार सरकारी एम्बुलेंस के नंबर पर भी कॉल किया गया, पर उन्हें वह भी नसीब नहीं हुई और अस्पताल पहुंचे तो उन्हें स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ और वह मजबूरी में एक सब्जी के ठेले पर लेकर पहुंचे हैं।
मामले को लेकर सीएचसी बिधनू के अधीक्षक डॉ. एसपी यादव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है और इसमें जो भी दोषी होगा, उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अस्पताल के गेट पर हर वक्त स्ट्रेचर मौजूद रहता है। लेबर रूम ठेलिया से क्यों ले जाना पड़ा?