दिनेश शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने अदालत से मांग की है कि न केवल सर्वेक्षण उनकी उपस्थिति में संपन्न कराया जाए बल्कि उसके बाद अमीन द्वारा रिपोर्ट तैयार कर उन्हीं की उपस्थिति में अदालत में पेश की जाए जिससे वह सारी प्रक्रिया के भली प्रकार संपन्न होने की पुष्टि कर सकें। ईदगाह परिसर में हिन्दू मंदिर के साक्ष्य कहां-कहां मौजूद हैं, इसमें वे ईदगाह के सर्वेक्षण के दौरान अमीन की अपेक्षित मदद कर सकते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता एवं उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि गत 8 दिसंबर को वरिष्ठ दिवानी न्यायाधीश डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा की अदालत में दावा पेश कर बताया था कि मुगल शासक औरंगजेब द्वारा 1670 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार कराई गई थी।
इस पर न्यायाधीश सोनिका वर्मा ने अमीन (शिशुपाल यादव) को ईदगाह का विस्तृत सर्वेक्षण कर 20 जनवरी को सुनवाई से पूर्व रिपोर्ट अदालत में पेश किए जाने के निर्देश दिए थे। इस मामले में 22 दिसंबर को आगे की सुनवाई होनी थी, किंतु अपरिहार्य कारणों से ऐसा न हो सका।