Fact Check: Farm Bills के विरोध में किसान आंदोलन की नहीं है वायरल तस्वीर, जानिए इसकी सच्चाई

सोमवार, 21 सितम्बर 2020 (12:57 IST)
विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच राज्यसभा में दो कृषि विधेयकों को पारित कर ‍दिया गया। इन कृषि विधेयकों का कई राज्यों के किसान विरोध कर रहे हैं। बीते दिनों हरियाणा में इन विधेयकों का विरोध करने के लिए जुटे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। अब, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में हाथ में ईंट लिए एक बुजुर्ग के सामने बंदूक ताने एक जवान खड़ा दिख रहा है। इस तस्वीर को हाल ही में हुए किसान आंदोलन से जोड़ा जा रहा है।

क्या है वायरल-

‘मत मारो गोलियों से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूं, मेरी मौत की वजह यही है कि मैं पेशे से एक किसान हूं. #kishanVirodhiNarendraModi’ कैप्शन के साथ इस तस्वीर को शेयर कर दिल्ली और मुंबई यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की गई है।

मत मारो गोलियो से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं कि मैं पेशे से एक किसान हूँ.#kishanVirodhiNarendraModi pic.twitter.com/FHZZZNe49N

— MumbaiYouthCongress (@IYC_Mumbai) September 20, 2020


वहीं, भीम आर्मी के हिमांशु वाल्मिकी ने भी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है- ‘बेटा ये “सावरकर” नहीं है जो तेरी पिस्तौल से डर कर माफ़ी माँग लेगा.....ये किसान है...अन्तिम साँस तक लड़ेगा....हिम्मत है तो...चला गोली...जय भीम, जय भारत, जय किसान।’

बेटा ये “सावरकर” नहीं है जो तेरी पिस्तौल से डर कर माफ़ी माँग लेगा.....ये किसान है...अन्तिम साँस तक लड़ेगा....हिम्मत है तो...चला गोली...
जय भीम, जय भारत, जय किसान। pic.twitter.com/gPWKT1cCl3

— Himanshu Valmiki (@HimanshuValmi13) September 20, 2020


क्या है सच-

अभी वायरल हो रही तस्वीर दो साल पहले भी वायरल हुई थी। उस वक्त भी तस्वीर को किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा था। तब वेबदुनिया ने फैक्ट चेक कर वायरल तस्वीर की सच्चाई बताई थी।

वायरल तस्वीर यूपी के मेरठ के सरघना की है, वो भी साल 2013 की। उस समय भाजपा विधायक संगीत सोम को मुजफ्फरनगर दंगों के संबंध में गिरफ्तार कर लिया गया था। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में मेरठ के सरघना में प्रशासन की रोक के बाद भी महापंचायत बुलाई गई। इसी दौरान ग्रामीणों ने जमकर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की। पुलिस ने भी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। यह तस्वीर उसी वक्त की है।

वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर अभी की नहीं बल्कि सात साल पुरानी है। तस्वीर किसान आंदोलन से भी नहीं जुड़ी है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी