सोशल मीडिया पर एक खबर वयरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार ने 10 करोड़ रुपये की संपत्ति वाले नेताओं की पेंशन बंद कर दी है। इस खबर के वायरल होते ही सोशल मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तारीफ के पुल बांधना शुरू कर दिया है।
क्या है वायरल पोस्ट-
‘जय भारत मां’ नामक फेसबुक पेज ने एक पोस्ट में लिखा- ‘10 करोड़ संपत्ति वाले नेता की आज से हर तरह की पेंशन बंद, मोदी सरकार का शानदार फैसला’।
इस पोस्ट को खबर लिखे जाने तक 1 लाख 70 हजार लाइक्स मिल चुके हैं और 26 हजार बार शेयर किया जा चुका है।
क्या है सच-
इस खबर की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इंटरनेट पर इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट और सरकारी आदेश की खोज की, लेकिन हमें ऐसा कोई सरकारी आदेश या मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।
गौरतलब है कि पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने की मांग समय-समय पर उठती रही है। पेंशन लेने वालों में बड़े बिजनेसमैन, अखबार के मालिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व चुनाव आयुक्त, पूर्व मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील, फिल्मकार, नामी पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपियों तक के नाम शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर पूर्व सांसदों को मिलने वाली पेंशन व अन्य भत्तों को खत्म करने की मांग की गई थी। लेकिन शीर्ष कोर्ट ने 16 अप्रैल 2018 को इस याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने केंद्र के तर्क को सही माना कि पूर्व सांसदों को कार्यकाल समाप्त होने के बाद, पद की गरिमा को बनाए रखने के लिए पेंशन व अन्य भत्ते दिया जाना उचित है।
पूर्व सांसद को 25,000 रुपये कीपेंशन
‘संसद के सदस्यों का वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम, 1954’ के तहत पूर्व सांसदों को पेशन देने का प्रावधान है और एक अप्रैल 2018 से पूर्व सांसदों को हर महीने 25,000 रुपये की पेंशन राशि दी जाती है। इससे पहले ये राशि 20,000 रुपये प्रति माह थी।
अगर कोई नेता पांच साल से ज्यादा सांसद रह चुका है तो उसकी पेंशन, हर साल के हिसाब से दो हजार रुपए प्रति माह बढ़ जाती है।
डबल पेंशन
सांसदों और विधायकों को डबल पेंशन लेने का भी हक है। मतलब यह कि कोई व्यक्ति पहले विधायक रहा हो और बाद में सांसद भी बना हो तो उसे दोनों की पेंशन मिलती है।
वेबदुनिया की पड़ताल में पता चला कि मोदी सरकार ने करोड़पति नेताओं की पेंशन बंद करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। वायरल दावा फर्जी है।