Laapataa Ladies in Oscars 2025: किरण राव के निर्देशन में बनीं लापता लेडीज इस साल की चर्चित फिल्मों में से एक रही है। अब फिल्म ऑस्कर 2025 की दौड़ में भी शामिल हो गई है। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) ने 29 शॉर्टलिस्ट हुई फिल्मों की लिस्ट में से 'लापता लेडीज' को ऑस्कर में भारत की ऑफिशियल एंट्री के तौर पर चुना है। फिल्म ने पांच फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए ऑस्कर 2025 में अपनी जगह पक्की की है। इस फिल्म ने वाजहई, तंगलान, उलोजकुहू और श्रीकांत को पीछे छोड़ा है। इस फिल्म में मुख्य किरदार में स्पर्श श्रीवास्तव, प्रतिभा रांटा और नितांशी गोयल को देखा गया था।
लापता लेडीज को किन वजहों से किया ऑस्कर के लिए नामांकित
लापता लेडीज की सबसे बड़ी USP है इसकी विशुद्ध भारतीयता। साल 2024 में भी इस तरह की कहानी और डायरेक्शन को भारतीय ऑडियंस की ओर से मिला प्रतिसाद सिद्ध करता है कि भारतीय दर्शक को खींचने के लिए ज़बदस्ती ठूंसे इंटिमेट सीन्स की ज़रुरत आज भी नहीं है।
जानू बरुआ ने एक इंटरव्यू में बताया कि ज्यूरी ऐसी फिल्म का चयन करती है जो सारे पैमानों पर भारत को रिप्रेजेंट करती हो। खासकर, जो भारत की सामाजिक व्यवस्था और संस्कृति को दर्शाती हो। भारतीयता सबसे महत्वपूर्ण है और 'लापता लेडीज' इस मामले में सबसे आगे रही।
क्या हैं फिल्म के मुख्य बिंदु
मात्र पांच करोड़ की लागत से बनी ''लापता लेडीज'' में उत्तर प्रदेश और बिहार के परिवेश को दर्शाया गया है।
फिल्म में भारतीय घरेलू महिलाओं के जीवन को केंद्र में रखा गया है।
महिला सशक्तिकरण जैसे विषय को उठाया गया है।
महिला शिक्षा का मुद्दा फिल्म का अहम बिंदु है।
महिला समानता का विषय इस फिल्म में बढ़िया तरीके से प्रस्तुत किया है।
पित्र सत्तात्मक समाज पर जिस सलीके से लापता लेडीज चोंट करती है।
भारतीय समाज में दहेज के दंश को झेलने के लिए किस तरह लड़की और उसका परिवार को विवश किया जाता फिल्म में बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है।
यदि कानून अपनी शक्तियों का सही इस्तेमाल करे तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में बहुत मदद हो सकती है।
क्या है लापता लेडीज की कहानी?
लापता लेडीज़' बिप्लब गोस्वामी की कहानी 'टू ब्राइड्स' पर आधारित है। भारत में तकनीक के आगमन से पहले के समय पर आधारित ये कहानी मानवीय संवेदनाओं को बहुत स्वाभाविक तरीके से प्रस्तुत करती है। लापता लेडीज कहानी है दो दुल्हनों की अदला-बदली की, जो ट्रेन यात्रा के दौरान लम्बे घूंघट की वजह से एक-दूसरे की जगह ले लेती हैं। कैसे ये दो कम उम्र की लड़कियां एक नए परिवेश में खुद की पहचान तलाशती हैं फिल्म में बहुत शानदार तरीके से फिल्माया गया है।
फ़िल्म 2001 के ग्रामीण भारत में सेट है साथ ही फिल्म में महिलाओं को एजुकेशन देने की जरूरत पर भी जोर दिया गया है। इस फ़िल्म में महिलाओं की समझदारी, ईमानदारी, प्रगतिशीलता, समानता, त्याग, और शक्ति को बखूबी दिखाया गया है।
कहानी तीन लोगों, जिनमें दो दुल्हनें और एक दूल्हा शामिल है, के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में गलतफहमी और सामाजिक मान्यतों से जुड़ी घटनाओं के अनुक्रम को बहुत मज़ेदार तरीके से दिखाया गया है। यह दो अलग-अलग दुल्हनों के जीवन से गुज़रती है और दिखाती है कि वे किस तरह की स्थिति का सामना करती हैं। किरदारों के निर्माण में ईमानदारी है जो फिल्म खत्म होने के बाद भी दर्शकों के साथ बनी रहती है।
कहां देखें लापता लेडीज?
लापता लेडीज को फिल्म की रिलीज़ के समय से ही दर्शकों और क्रिटिक्स से भरपूर तारीफ़ मिली। हालांकि जब फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो इसे कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिला और कमाई के मामले में भी ये सुस्त रही। लेकिन जब फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उतारा गया तो यह घर-घर में देखी गई। हर आयु वर्ग के दर्शकों ने इसे खूब पसंद किया। अगर आप लापता लेडीज देखना चाहते हैं तो यह ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) पर देखी जा सकती है।