डॉ रितु करिधाल इसरो की सीनियर साइंटिस्ट हैं। मार्स ऑर्बिटर मिशन की सफलता में उनकी अहम भागीदारी रही है जिसके कारण डॉ रितु आज इतनी प्रचलित हैं। साथ ही इस मिशन की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर रह चुकीं रितु ने हर महिला को प्रेरित किया है। रितु एक अच्छी साइंटिस्ट होने के साथ अच्छी मां भी हैं। आपको बता दें कि रितु ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर की है। साथ ही उन्होंने बेंगलुरु के Indian Institute of Science (IISc) से mtech भी किया है।
रितु ने नवंबर 1997 में ISRO में काम करना शुरू किया था। पर आज रितु ISRO के कई बड़े मिशन की मेंबर हैं। साथ ही 2007 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से उन्हें यंग साइंटिस्ट का अवॉर्ड भी मिला है। डॉ रितु को बचपन से ही स्पेस में बहुत रुचि थी। शादी के बाद भी रितु ने अपने सपनों के लिए हमेशा काम किया। 2012 में उन्होंने एक MOM नामक प्रोजेक्ट पर काम किया और उस समय उनके बच्चे बहुत छोटे थे।
इसके बाद भी रितु ने अपने काम को मैनेज किया। ऐसी महिलाएं भारत के लिए प्रेरणा हैं। खासकर की आज के समय में हर महिला को डॉ रितु से प्रेरणा लेनी चाहिए। शादी के बाद या परिवार के बाद भी उन्होंने देश के लिए लगातार काम किया। साथ ही परिवार और काम के बीच भी उन्होंने अपने सपनों को कभी पीछे नहीं छोड़ा। 'नारी तुम प्रेम हो, आस्था हो, विश्वास हो, टूटी हुई उम्मीद की एकमात्र आस हो।'