अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : Woman’s day की शुरुआत कब हुई और क्‍या है इसका इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह महिलाओं के लिए अब एक उत्‍सव के रूप में बदल गया है। इस मौके पर कई तरह के आयोजन किए जाते हैं, लेकिन इसकी शुरुआत और इतिहास को लेकर भी कई दिलचस्‍प पहलू हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर महिलाओं से जुडे इस उत्‍सव की शुरुआत कब हुई और क्‍या है इसका इतिहास।
 
दरअसल, समानाधिकार के लिए महिलाओं की लड़ाई के बाद इसे मनाने की परंपरा शुरू हुई। प्राचीन ग्रीस में लीसिसट्राटा नाम की एक महिला ने फ्रेंच क्रांति के दौरान युद्ध समाप्ति की मांग रखते हुए इस आंदोलन की शुरूआत की थी।
 
फारसी महिलाओं के एक समूह ने वरसेल्स में इस दिन एक मोर्चा निकाला। इस मोर्चे का मकसद युद्ध की वजह से महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार को रोकना था।
 
साल 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने पहली बार पूरे अमेरिका में 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया था।
 
सन 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल द्वारा कोपनहेगन में महिला दिवस की स्थापना हुई। 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में लाखों महिलाओं द्वारा रैली निकाली गई। मताधिकार, सरकारी कार्यकारिणी में जगह, नौकरी में भेदभाव को खत्म करने जैसी कई मुद्दों की मांग इस रैली में की गई। 1913-14 प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, रूसी महिलाओं द्वारा पहली बार शांति की स्थापना के लिए फरवरी माह के अंतिम रविवार को महिला दिवस मनाया गया।
 
यूरोप में भी युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन हुए। 1917 तक विश्व युद्ध में रूस के 2 लाख से ज्यादा सैनिक मारे गए, रूसी महिलाओं ने फिर रोटी और शांति के लिए इस दिन हड़ताल की। हालांकि राजनेता इसके खिलाफ थे, फिर भी महिलाओं ने एक नहीं सुनी और अपना आंदोलन जारी रखा और फलतः रूस के जार को अपनी गद्दी छोड़नी पड़ी और सरकार को महिलाओं को वोट देने के अधिकार की घोषणा करनी पड़ी।
 
यह दिन महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक तरक्की दिलाने व उन महिलाओं को याद करने का दिन है जिन्होंने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए अथक प्रयास किए।
 
भारत में भी महिला दिवस व्यापक रूप से मनाया जाने लगा है। पूरे देश में इस दिन महिलाओं को समाज में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है। समाज, राजनीति, संगीत, फिल्म, साहित्य, शिक्षा क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए महिलाओं को सम्मानित किया जाता है। गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
 
 
 
 

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