2024 इतिहास का सबसे गर्म साल, क्‍या अभी और तपेगी धरती?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 18 दिसंबर 2024 (09:01 IST)
साल 2024 इतिहास का सबसे गर्म साल बनने जा रहा है। तापमान में इजाफे का ये असर 2025 की शुरुआत में भी नजर आने वाला है। यह जानकारी यूरोपीय संघ के वैज्ञानिकों की तरफ से जारी की गई कापरनिकस क्‍लाइमेट चेंज सर्विस की रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी से नवंबर तक जुटाए गए आंकडों ने यह तय कर दिया है कि 2024 अब तक का सबसे गर्म साल है।

यह साल 1850 से 1900 के पूर्व औघोगिक काल की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्‍सियस अधिक औसत वैश्‍विक तापमान वाला पहला वर्ष भी बन गया है। इसके पहले 2023 इतिहास का सबसे गर्म वर्ष दर्ज किया गया था। जबकि नवंबर 2023 के बाद नवंबर 2024 इतिहास का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया। इस साल मौसम के चरम पर पहुंचने की कई घटनाएं देखने को मिलीं। इनमें इटली और दक्षिण अमेरिका में गंभीर सूखा, नेपाल, सूडान और यूरोप में जानलेवा बाढ, मेक्‍सिको, माली और सऊदी अरब में हीटवेव से हजारों मौत के साथ् ही अमेरिका और फिलीपींस में विनाशकारी चक्रवात जैसे मौसम के गंभीर दुष्‍परिणाम शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने इन सभी प्राकृतिक आपदाओं के पीछे मानव की भूमिका बताई है।

प्रकृति से छेड़छाड़ का खामियाजा : यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 1.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर औसत तापमान वाला यह अब तक के ज्ञात इतिहास का पहला वर्ष होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसके पीछे मनुष्‍यों द्वारा विकास के नाम पर की जा रही वनों की कटाई और प्राकृतिक गतिविधियों में छेड़छाड़ प्रमुख कारण है।

2024 सबसे गर्म साल : 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है। अभी भी पंखे चल और ऐसी चल रहे हैं। धूप से लोगों के पसीने छूट रहे हैं। देश के तकरीबन सभी शहरों का यही हाल है। पहाड़ों पर भी वैसी ठंड नहीं है, जैसी कभी पड़ा करती थी। दरअसल धरती को यह बुखार अल नीनो की वजह से चढ़ा है। वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रह सकता है। बता दें कि कुछ दिन पहले यूरोप की जलवायु एजेंसी ने भी ठीक यही अनुमान जाहिर किया है।

1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाला पहला वर्ष : कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) की उप निदेशक सामंथा बर्गेस के मुताबिक 2024 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष होगा। यह वर्ष वैश्विक तापमान रिकॉर्ड में एक नया मील का पत्थर है, जो आगामी जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी29 में जलवायु संबंधी लक्ष्य को पाने के लिए एक उत्प्रेरक के तौर पर काम करेगा।

1.55 डिग्री सेल्सियस से ज्‍यादा होने की संभावना : यूरोपीय एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि 2023 का तापमान पूर्व-औद्योगिक काल के स्तर से 1.48 डिग्री सेल्सियस अधिक था, इसलिए यह भी लगभग निश्चित है कि 2024 का वार्षिक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होगा। इसके 1.55 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने की संभावना है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हजारों अरब डॉलर की आवश्यकता है।

हजारों अरब डॉलर की जरूरत : विकासशील और गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आने वाले वर्षों में हजारों अरब डॉलर की आवश्यकता होगी। ‘ग्लोबल साउथ' के वार्ताकारों में समान विचारधारा वाले विकासशील देशों (एलएमडीसी) समूह ने सुझाव दिया है कि प्रति वर्ष एक हजार अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है, अरब समूह ने 1.1 हजार अरब अमेरिकी डॉलर, अफ्रीकी समूह ने 1.3 हजार अरब अमेरिकी डॉलर, भारत ने एक हजार अरब अमेरिकी डॉलर तथा पाकिस्तान ने दो हजार अरब अमेरिकी डॉलर की मांग की है
Edited By: Navin Rangiyal

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