रेल कर्मियों की कार्यकुशलता और विपश्यना

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विपश्यना ध्यान हमारे मन के विकारों को कम करता है या उन्हें जड़ से निकाल देता है। मन के विकार जैसे क्रोध, घृणा, डर, द्वेष इत्यादि का हमारी कार्यकुशलता पर अत्याधिक प्रभाव पड़ता है। ये मनोविकार हमारी कार्यकुशलता घटा देते हैं।
 
कार्यकुशलता घटती है तो जहां हम काम करते है वहां हमारी जरूरत नहीं बचती है। इस तरह से जीवन में तनाव बढ़ते हैं।  तनाव बढ़ते हैं तो तनाव जनित रोगों (हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा, रागद्वेष, माइग्रेन, डर, असुरक्षा की भावना इत्यादि) से हम  घिरने लगते हैं। 
 
इन मायनों में हम समझ सकते है कि कार्यकुशलता बढ़ने से हम कितने सुखी हो सकते हैं। 
 
इसी कारण भारतीय रेल भी चाहती  है कि उसके कर्मचारी और अधिकारी अधिक कार्यकुशल बने और इसके लिए वो उनको अपने आदेश क्रमांक 2012/ E(TRG))/  12/ 17 - 5.8.2014 के अनुसार अपने कमर्चारियों को 13 दिन का सवैतनिक अवकाश और स्पेशल पास देती हैं। जिससे वे  विपश्यना के दस दिवसीय शिविरों में भाग लेकर लाभान्वित हो सकें। 
 
सचमुच यह एक दुर्लभ अवसर है। 
 
रतलाम विपश्यना केंद्र पर आगामी 10 दिवसीय आवासीय शिविर 4 मार्च से 15 मार्च 2018  तक आयोजित है। 
 
इस शिविर में भाग लेने के लिए आप www.rata.dhamma.org पर लॉगऑन करके स्थान बुक कर सकते  हैं या इस फोन नम्बर 9827532759 (डॉक्टर रवि दिवेकर ), 9827794120 (डॉक्टर रश्मि दिवेकर) पर भी बात करके स्थान  सुरक्षित कर सकते हैं।
 

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