काली मुद्रा तीन तरह से होती है-
कैसे करें :
1. पद्मासन, सिद्धासन या वज्रासन में बैठकर अपनी जीभ को सुविधानुसार बाहर निकाल दें। आपने मां कालीका का फोटो देखा होगा, बस उसी तरह की मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें।
3. तीसरा तरीका है हस्त द्वारा मुद्रा बनाना। इसके लिए पहले दोनों हाथों की अंगुलियों को अच्छे से मिला लें और फिर तर्जनी अंगुलियों को बाहर निकालकर सीधा करते हुए मिला लें। जैसे किसी पर हाथों से पिस्तौल तानते हैं वैसे ही। इस मुद्रा को बनाकर आपको अपनी छाती के पास रखना है। 10 बार ओम का उत्चारण करके के बाद इसे छोड़ देने है।
3. इससे सकारात्मक भाव का विकास होगा, इससे आत्म विश्वास बढ़ेगा, यह मुद्रा बुढापे की गति को रोक देगी और आपकी पाचन क्रिया हो सही कर देगी।