हमने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया- ओबामा

सोमवार, 2 मई 2011 (22:18 IST)
अमेरिका के विशेष बलों ने सोमवार को सुबह पाकिस्तान की राजधानी के नजदीक एबटाबाद में एक हेलिकॉप्टर हमले में दुनिया के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया।

अमेरिका लगभग दस साल से अल कायदा सरगना को जिन्दा या मुर्दा पकड़ने की कोशिशों में लगा था और आखिरकार उसे आज इसमें सफलता मिल गई।

अधिकारियों ने बताया कि तड़के चलाए गए अभियान में विशेष बल के कर्मी उस परिसर में उतरे जहां लादेन अपने वफादार अरब अंगरक्षकों की पहरेदारी में मौजूद था। इस अभियान में उन्होंने इस सर्वाधिक खूंखार आतंकवादी को ढेर कर दिया।

इस खूंखार आतंकी सरगना के मारे जाने की खबर दुनिया को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस से अपने सीधे संबोधन में दी।

ओबामा ने टीवी चैनलों पर लादेन के मारे जाने की प्रारंभिक खबरें प्रसारित होने के बाद अपने संबोधन में कहा कि बिन लादेन (54 वर्ष) मारा गया है और उसका शव अमेरिका के कब्जे में है।

लादेन के मरने की खबरें प्रसारित होने के समय अमेरिका में रात का अंधेरा था, लेकिन इसके बावजूद व्हाइट हाउस के बाहर खुशी से झूमती भीड़ एकत्र हो गई जिसने ‘अमेरिका अमेरिका’ के नारे लगाए।

लादेन के सिर पर ढाई करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम था। एबीसी न्यूज ने अज्ञात अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि अभियान में इस शीर्ष आतंकी सरगना के अतिरिक्त संदेशवाहकों के रूप में मानव ढाल बनकर रहने वाला उसका एक बेटा और एक महिला भी मारी गई। प्रारंभिक खबरों में कहा गया था कि इन संदेशवाहकों के जरिए लादेन का पता लगा लिया गया था।

पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार परिसर में मौजूद अन्य महिलाओं और बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। अमेरिका के विशेष दल ने इस्लामाबाद से 120 किलोमीटर दूर अबोटाबाद के नजदीक बिलाल नगर क्षेत्र में इस अभियान को अंजाम दिया। पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से अब तक कोई टिप्पणी नहीं आई है।

अमेरिकी अधिकारियों ने एबीसी न्यूज को बताया कि दो हेलिकाप्टरों ने रात डेढ़ बजे और दो बजे तथा 20 से 25 नेवी सील्स ने विशेष संयुक्त बल कमान के नेतृत्व में सीआईए के सहयोग से परिसर पर हमला बोला और लादेन तथा उसके लोगों को घेर लिया।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि लादेन ने इस लड़ाई के दौरान अपने हथियार से गोली चलाई। अमेरिकियों ने लड़ाई खत्म होने के बाद लादेन का शव अपने कब्जे में ले लिया और उसकी पहचान की पुष्टि की।

अभियान के दौरान अमेरिका का एक हेलिकाप्टर क्षतिग्रस्त हो गया जिसे अमेरिकी सैनिकों ने खुद विस्फोटकों से नष्ट करने का फैसला किया। पाकिस्तान के कई समाचार चैनलों ने परिसर के खाली अहाते में जलते हेलिकाप्टर की फुटेज प्रसारित की।

उन्होंने आज सुबह पाकिस्तानी सैनिकों से घिरे एक परिसर की फुटेज भी प्रसारित की। खबरों में कहा गया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने क्षेत्र में घर-घर जाकर तलाशी ली।

पाकिस्तान के समाचार चैनलों ने कहा कि जिस मकान में लादेन रह रहा था वह खेतों के बीच में स्थित था और उसकी सात फुट उंची चहार दीवारों पर बिजली के तार लगे हुए थे। खबर है कि अमेरिका पिछले साल अगस्त में यह सूचना मिलने के बाद महीनों से इस परिसर की निगरानी कर रहा था कि वहां हो सकता है कि लादेन रह रहा हो।

मकान में कोई फोन या टेलीविजन नहीं था और इसमें रहने वाले लोग कूड़ा करकट जला दिया करते थे। मकान में उंची खिड़कियां थीं और पहुंचने के कुछ ही बिन्दु थे। अमेरिकी अधिकारियों ने इससे अंदाज लगाया कि यह किसी को छिपाने के लिए बनाया गया है।

मीडिया की खबरों में कहा गया कि मकान में खबर पख्तूनख्वा के कुछ लोग रहते थे। पाकिस्तान सैन्य अकादमी अबोटाबाद के नजदीक ही स्थित है। यह एक ऐतिहासिक शहर है जिसका नाम मेजर जेम्स एबट के नाम रखा गया है। इस ब्रिटिश अधिकारी ने ही 1853 में इस शहर की स्थापना की थी।

अमेरिकी अधिकारी पूर्व में कहते थे कि उनका मानना है कि लादेन अफगानिस्तान की सीमा से लगते पाकिस्तान के कबाइली क्षेत्र में रह रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक टेलीविजन संबोधन में लादेन के मारे जाने की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिकियों की एक छोटी टीम ने अभियान को अंजाम दिया-लड़ाई के बाद उन्होंने ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया और उसका शव अपने कब्जे में ले लिया।

ओबामा के संबोधन के तुरंत बाद पाकिस्तानी तालिबान ने दावा किया कि तड़के हुए अमेरिकी हमले में लादेन नहीं मारा गया। तालिबान ने जीओ समाचार चैनल को एक बयान भेजकर कहा कि लादेन के मारे जाने की खबर बेबुनियाद है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने लादेन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उसे 'जिंदा या मुर्दा' पकड़ने का अभियान शुरू किया था और अमेरिकी सेना लादेन को पकड़ने के लिए एक दशक से प्रयास कर रही थी। अमेरिका पर हुए अलकायदा के हमले में करीब तीन हजार लोग मारे गए थे। (भाषा)

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