तेल के बढ़ते दामों को देखते हुए सरकार भी ऐसी गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है जो एथेनॉल से चलती हैं। सरे फ्यूल की तुलना में बायो-एथनॉल बहुत सस्ता है। बायो एथनॉल से गाड़ी चलाना बहुत सस्ता पड़ेगा। साथ ही, बायो एथनॉल को बनाना भी ज्यादा महंगा नहीं होता है। चावल, गेहूं, मक्का की भूसी और गन्ने के बचे छिलकों का इस्तेमाल इस ईंधन को तैयार करने में किया जा सकता है।