सबसे अधिक खुशी उन परिवार के लोगों को है, जिनके परिवार के लोग राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान गोली लगने से मौत हो गई। उन्हें खुशी है कि काफी लम्बे अरसों से लंबित यह मामला हमेशा के लिए सुलझ गया है। अयोध्या के लोगों ने कहा कि भगवान श्रीराम का असली वनवास खत्म हो गया है। अब अयोध्या नगरी खिलखिलाएगी।
वर्ष 1990 में कारसेवा के दौरान पुलिस की गोली लगने से अयोध्या के तीन लोगों की मौत हो गई थी। इन कारसेवकों के परिजन शनिवार को सुबह से फैसले के इंतजार में टीवी के सामने आंखें गड़ाए बैठे रहे थे। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया, उदास परिजनों के चेहरों पर खुशी की लहर दिखने लगी। परिवारवालों ने कहा, आज सच्ची श्रद्धांजलि मिली है।
अयोध्या के ही निवासी 70 वर्ष की आयु पार कर चुके नगर के मुख्य मार्ग पर बर्तन की दुकान चलाने वाले शिवगोपाल हों या रायगंज निवासी रामचंद्र मिश्रा, सभी का कहना है कि उन्होंने ढांचे को गिरते देखा और अब राम मंदिर बनते देखेंगे। शिवगोपाल कहते हैं कि हम खुशकिस्मत हैं कि श्रीराम के भव्य मंदिर बनने की खबर सुप्रीम कोर्ट से सुनी।