हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक है। बाहर के वातावरण में शामिल धूल, धूप, तेज हवा, कैमिकल आदि इसे नुकसान पहुँचा सकते हैं। त्वचा के निरंतर इनके संपर्क में रहने से हमारे चेहरे पर झुर्रियाँ, मुँहासे व कालापन आ जाता है, जिससे त्वचा की प्राकृतिक चमक समाप्त हो जाती है और त्वचा पर झुर्रियाँ नजर आने लगती हैं।
चेहरे पर सिलवटें पड़ना (झुर्रियाँ) त्वचा की एक आम समस्या है। आमतौर पर झुर्रियाँ बढ़ती उम्र की निशानी मानी जाती हैं लेकिन आजकल जिस तरह से हमारे खानपान व जीवनशैली में बदलाव आया है, उसके चलते कम उम्र में ही हमारे चेहरे पर झुर्रियाँ नजर आने लगती हैं। झुर्रियाँ, अक्सर शरीर के उन भागों में होती हैं, जो अक्सर खुला, नाजुक और कोमल रहता है।
क्या है कारण :- झुर्रियाँ अक्सर ढलती उम्र की निशानी होती है। झुर्रियों का प्रमुख कारण त्वचा की शुष्की है। जब त्वचा की प्राकृतिक चिकनाई धीरे-धीरे कम होती जाती है, तो कालातंर में वह झुर्रियों का रूप ले लेती है।
कहाँ-कहाँ होती हैं झुर्रियाँ :- झुर्रियाँ अक्सर हमारे चेहरे और गर्दन पर होती हैं क्योंकि ये शरीर के वे भाग हैं, जो सबसे ज्यादा धूप व बाहरी वायु के संपर्क में रहते हैं। आँखों के नीचे से शुरू होकर झुर्रियाँ हमारी गर्दन के आसपास भी होने लगती हैं।
कॉस्मेटिक्स हमारी त्वचा के भीतर जाकर उसके रोमछिद्रों को अवरुद्ध कर देते हैं, जिससे त्वचा की नियमित सफाई नहीं हो पाती है और धीरे-धीरे हमारी त्वचा पर झुर्रियाँ दिखने लगती हैं।
क्या है उपचार :- खुश्की के कारण हमारी त्वचा में खिंचाव होता है, जिससे चेहरे पर सिलवटें दिखाई देने लगती हैं। झुर्रियों का प्रमुख कारण त्वचा में प्राकृतिक तेल की कमी होना है। अपने खानपान के प्रति हमारी लापरवाही का परिणाम ही झुर्रियों के रूप में हमारे सामने आता है। झुर्रियों से त्वचा को बचाने के लिए हमें अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा।
यह सत्य है कि हमारा पेट ही सभी बीमारियों की जड़ होता है। कब्जियत का सारा प्रभाव हमारी त्वचा व स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे बचने के लिए हमें अपने भोजन में हरी सब्जियों, छिलके वाली दालों, दूध, फल आदि का समावेश करना होगा। यदि हमारा पेट साफ होगा तो हमारा चेहरा भी कांतिमय होगा।
इसी के साथ ही त्वचा पर अधिक कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करना भी त्वचा के लिए हानिकारक होता है। हमारे द्वारा त्वचा को सुंदर दिखाने के लिए किए गए मेकअप का दूरगामी परिणाम झुर्रियाँ व मुँहासे होते हैं।
कॉस्मेटिक्स हमारी त्वचा के भीतर जाकर उसके रोमछिद्रों को अवरुद्ध कर देते हैं, जिससे त्वचा की नियमित सफाई नहीं हो पाती है और धीरे-धीरे हमारी त्वचा पर झुर्रियाँ दिखने लगती हैं।
साबुन में मौजूद कॉस्टिक सोडा हमारी त्वचा के रहे-सहे तेल को भी सोख लेता है, जिससे कम उम्र में ही हमारे चेहरे पर झुर्रियाँ नजर आने लगती हैं।
सर्दी के मौसम में झुर्रियों की समस्या और अधिक बढ़ जाती है क्योंकि इस मौसम में हमारी त्वचा सबसे ज्यादा ठंडी हवाओं के संपर्क में रहती है। ठंडे कमरे से अचानक बाहर की धूप में निकलने से हमारी त्वचा में सिकुड़न आ जाती है।
यदि आप समय रहते ही अपने चेहरे की झुर्रियों पर ध्यान नहीं देंगे तो धीरे-धीरे यह इतनी अधिक बढ जाएँगी कि फिर इस पर काबू पाना संभव नहीं होगा। अपने खानपान व जीवनशैली में बदलाव कर आप अपनी त्वचा की रौनक को आसानी से लौटा सकते हैं।