तेजस्वी यादव ने NDA पर लगाया छल से चुनाव जीतने का आरोप, कांग्रेस ने कहा- करेंगे आत्मचिंतन

शुक्रवार, 13 नवंबर 2020 (00:13 IST)
पटना। बिहार के विपक्षी महागठबंधन का नेता चुने गए राजद नेता तेजस्वी यादव ने राजग पर छल से विधानसभा चुनाव जीतने का आरोप लगाया वहीं गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अपने खराब प्रदर्शन के लिए पार्टी के भीतर आत्मचिंतन की बात कही।
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बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद गुरुवार को पटना स्थित जदयू के प्रदेश मुख्यालय पहुंचे नीतीश ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बने रहने के बारे में केवल भाजपा ही फैसला कर सकती है। 
 
लोकजनशक्ति पार्टी ने इस बार राजग से अलग होकर अकेले बिहार में चुनाव लड़ा था और अनेक सीटों पर इसके कारण जदयू को नुकसान उठाना पड़ा। 
 
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 19 सीटों पर सिमट जाने के बाद पार्टी महासचिव तारिक अनवर ने गुरुवार को कहा कि हमें इस सचाई को स्वीकार करना चाहिए कि कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण ही महागठबंधन की सरकार नहीं बन पाई और ऐसे में हमारी पार्टी को आत्मचिंतन करना चाहिए कि चूक कहां हुई। 
 
तेजस्वी ने पांच दलों के महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह नि:संदेह बदलाव का जनादेश था। राजग धन, बल और छल से जीत गया।  यह पूछे जाने पर कि क्या महागठबंधन सरकार बनाने का प्रयास करेगी तेजस्वी ने कहा कि जनता ने बदलाव का जनादेश दिया है और जो लोग बदलाव के साथ हैं और इन चीजों को समझेंगे तो जरूर अपना फैसला लेंगे। 

चुनावी आंकड़ों का हवाला देते हुए, उन्होंने आश्चर्य जताया कि इस चुनाव में राजग और महागठबंधन के बीच कुल मतों का अंतर केवल 12,270 है पर इतने वोटों में राजग ने कैसे 15 सीट जीतीं।
 
राजद नेता ने आरोप लगाया कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में डाक मतपत्रों की गिनती अंत में की गई जबकि इसकी गिनती मतगणना की शुरुआत में ही की जाती है। इसके अलावा ऐसी सीटें भी थीं, जहां 900 से अधिक डाक मतपत्र रद्द किए गए।  उन्होंने आरोप लगाया कि जहां कम मतों का अंतर था और हमारे उम्मीदवार जीत रहे थे, वहां डाक मत पत्र भारी संख्या में रद्द किए गए। 
 
जीत के बाद पहली बार मीडिया को संबोधित करने वाले नीतीश कुमार ने आरोपों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया मुझे ऐसे मामलों में क्या कहना है।  तारिक अनवर ने ट्वीट किया कि हमें सच को स्वीकार करना चाहिए। कांग्रेस के कमज़ोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया। कांग्रेस को इस विषय पर आत्मचिंतन ज़रूर करना चाहिए कि उससे कहां चूक हुई ? उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम का बिहार में प्रवेश शुभ संकेत नहीं है। 
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार चुनाव में भले ही भाजपा गठबंधन येन-केन-प्रकारेण चुनाव जीत गया, लेकिन सही में देखा जाए तो ‘बिहार’ चुनाव हार गया।  यह पूछे जाने पर कि क्या आप केंद्र में राजग से लोजपा को हटाने के लिए भाजपा से कहेंगे, नीतीश ने कहा कि आप ऐसा सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह तो भाजपा को निर्णय लेना है। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है।

चुनाव में राजग की जीत के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शपथग्रहण समारोह की तारीख अभी तय नहीं की गई है। शुक्रवार को चारों घटक दलों की बैठक में चर्चा कर सभी चीजें तय की जाएंगी। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को 43 सीट प्राप्त हुई हैं, जबकि 2015 के चुनाव में उनकी पार्टी को 71 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस चुनाव में भाजपा को 74 सीट मिली हैं।
 
नीतीश ने कहा कि राजग के पास पर्याप्त बहुमत है। सरकार चलाने में कोई दिक्कत नहीं है। बिहार के लोगों ने हम लोगों को काम करने का मौका दिया है। नीतीश ने कहा कि हमने कभी भी अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के साथ समझौता नहीं किया। इसमें कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। मेरे पदभार संभालने के बाद कोई दंगा नहीं हुआ है। 
 
उन्होंने कहा कि 'हम लोगों ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया और उसके बाद भी कोई भ्रम पैदा करता है और लोग भ्रमित होते हैं तो यह उनका अधिकार है। (भाषा)

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