बॉलीवुड 2011 : टॉप फाइव एक्टर्स

1) सलमान खान
(रेडी और बॉडीगार्ड)
सलमान खान की सफलता का परचम इस वर्ष भी लहराया। रेडी और बॉडीगार्ड जैसी सुपरहिट फिल्म उन्होंने दी। इनमें कोई और हीरो होता तो ये फिल्में पिट जातीं क्योंकि ये साधारण फिल्में हैं, लेकिन सलमान की उपस्थिति ने फर्क पैदा कर दिया। मल्टीप्लेक्स से लेकर तो सिंगल स्क्रीन तक और मेट्रो से लेकर तो गांव तक उनकी फिल्मों की सफलता का डंका बजा। सल्लू के फैंस की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

2) इमरान हाशमी
(दिल तो बच्चा है जी, द डर्टी पिक्चर, मर्डर 2)
टिनी स्टार इमरान को अब बड़ा स्टार मान लेना चाहिए। दो सुपरहिट फिल्म उनके खाते में इस साल है। मर्डर 2 में वे अपने चिर-परिचित रंग में थे तो द डर्टी पिक्चर में उन्होंने अपनी इमेज से हटकर काम किया। उनका अभिनय सुधरता जा रहा है और युवाओं में लोकप्रियता बढ़ रही है। कुछ अलग करने का साहस भी उनमें आ गया है।

3) इमरान खान
(देल्ही बैली, मेरे ब्रदर की दुल्हन)
इस वर्ष आमिर खान के भांजे इमरान का रिकॉर्ड सौ प्रतिशत रहा। इस चॉकलेटी हीरो ने ‘देल्ही बैली’ में कुछ अलग किया और कामयाबी हासिल की। दूसरी ओर मेरे ब्रदर की दुल्हन में उन्होंने अपनी छवि के मुताबिक रोल निभाया। सफलता के पैमाने पर परखा जाए तो उन्होंने इस बार अपने ‍प्रतिद्वंद्वी रणबीर को मात दे दी।

4) अजय देवगन
(दिल तो बच्चा है जी, सिंघम, रास्कल्स)
अजय बाबू हर वर्ष एक सफल फिल्म जरूर देते हैं। इस वर्ष बतौर सोलो हीरो के उन्होंने अपने करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म ‘सिंघम’ दी। लंबे समय बाद उनका किया गया एक्शन लोगों को पसंद आया। दिल तो बच्चा है जी औसत से नीचे रही। रास्कल्स जैसी घटिया फिल्म शायद उन्होंने संजू बाबा से दोस्ती की खातिर कर ली। हालांकि इसकी असफलता का उन पर कोई असर नहीं हुआ।

5) शाहरुख खान
(रा.वन, डॉन 2)
पूरे वर्ष अखबारों में, वेबसाइट्स पर, टीवी पर और भारत के हर प्रमुख शहर में शाहरुख खान छाए रहे। शायद सबसे ज्यादा बार वे ही देखे और पढ़े गए, लेकिन रा.वन की भारी लागत को देखते हुए उसकी सफलता मामूली ही कही जाएगी। शाहरुख ने तो माल कूट लिया, लेकिन कई डिस्ट्रीब्यूटर मारे गए। लोगों को फिल्म पसंद नहीं आई। वर्ष के अंत में रिलीज हुई डॉन 2 ने शाहरुख की साख को बचाया। फिल्म धीरे-धीरे सफलता की ओर अग्रसर हुई। भारत के साथ इस फिल्म ने विदेश से जोरदार कमाई की और हिट फिल्मों की सूची में शामिल हो गई।

अन्य
रणबीर कपूर
(रॉकस्टार)
रॉकस्टार के लिए जितनी तारीफ रणबीर की हुई है उतनी सफलता भी मिलती तो रणबीर का मजा दोगुना हो जाता। इस बंदे ने दिखा दिया कि वह एक्टिंग जाता है और कठिन रोल भी अच्छे से निभा सकता है। रॉकस्टार के लिए उन्हें कई अवॉर्ड मिल सकते हैं। रॉकस्टार भले ही सफल नहीं हुई, लेकिन रणबीर के दमदार अभिनय के कारण लंबे समय तक याद की जाएगी।

रितिक रोशन
(जिंदगी ना मिलेगी दोबारा)
भले ही ढेर सारे सितारे रितिक के साथ ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ में थे, लेकिन आखिरकार कामयाबी उनके खाते में आई। ‍फिर भी एक सोलो हिट फिल्म की उन्हें सख्त जरूरत है क्योंकि उन्हें बड़ा स्टार माना जाता है। शायद अग्निपथ उनके लिए यह काम कर दे।

अक्षय कुमार
(देसी बॉय, थैंक यू, पटियाला हाउस)
अक्षय का हर नुस्खा नाकाम हो रहा है। पटियाला हाउस में क्रिकेटर बने और दर्शकों के हाथों स्टंप्ड हो गए। थैंक यू में पति-पत्नी के संबंध सुधारने चले तो सफलता से संबंध खराब हो गए। देसी बॉयज में मेल एस्कॉर्ट तक बन गए, लेकिन यह कुछ काम नहीं आया। अक्षय अभी भी लोगों के चहेते हैं। जरूरत है अच्छे फिल्मों के चयन की और यह बेसिक बात वे भूल गए हैं।


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अमिताभ बच्चन
(बुड्ढा होगा तेरा बाप, आरक्षण)
फिल्मों से ज्यादा बिग बी दादाजी बनने के कारण चर्चा में रहे। बुड्ढा होगा तेरा बाप में उन्होंने पुराने दौर के लटके-झटके दिखाए, लेकिन बात नहीं बनी। आरक्षण विषय से भटकी हुई फिल्म थी और बच्चन भी इसे बचा नहीं पाए। हिट फ्लॉप से परे इस महानायक से अच्छी फिल्मों की उम्मीद उनके प्रशंसक करते हैं।

अभिषेक बच्चन
(दम मारो दम, गेम)
पसर्नल लाइफ में वर्ष 2011 अभिषेक के लिए खुशियां लाया। बेटी-बी का आगमन हुआ। लेकिन प्रोफेशनल लाइफ में कोई उछाल नहीं आया। फिल्मों का पिटना जारी है। उनकी फिल्में इतनी बुरी तरह पिटती हैं कि वितरक और निर्माता अपना पूरा पैसा गंवा देते हैं। दम मारो दम ने टिकट खिड़की पर दम तोड़ दिया तो गेम ने असफलता के नए रिकॉर्ड बनाए। फ्लॉप पर फ्लॉप देने के बावजूद बावजूद जूनियर बच्चन को फिल्में मिल रही हैं।

जॉन अब्राहम
(सात खून माफ, फोर्स, देसी बॉयज)
बलशाली जॉन में अभी इतना दम नहीं है कि अकेले फिल्म को चला ले जाएं। फोर्स को ठीक-ठाक ओपनिंग मिली, लेकिन बाद में ढेर हो गई। सात खून माफ और देसी बॉयज में जॉन के अलावा कई सितारे थे। वे भी फिल्म नहीं चला पाए तो इसमें जॉन का क्या कसूर। बिपाशा से ब्रेक-अप के कारण वे चर्चा में रहे।

शाहिद कपूर
(मौसम)
पापा पंकज कपूर की खातिर शाहिद ने ‘मौसम’ को खूब समय दिया और कई ऑफर ठुकराए, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर मौसम सुहाना नहीं हो पाया। लोगों ने फिल्म को फ्लॉप बताया तो कूल शाहिद को गुस्सा भी आया। रणबीर, रणवीर और इमरान जैसे नए सितारों के उदय के कारण शाहिद लगातार पिछड़ते जा रहे हैं।

सैफ अली खान
(आरक्षण)
सैफ अली खान लंबे समय बाद केवल एक फिल्म ‘आरक्षण’ में नजर आए। उनका काम अच्छा था, लेकिन फिल्म पिट गई। पिता को खोया। नवाब बने। 2012 में वे शादी करेंगे और उनकी सबसे बड़ी फिल्म ‘एजेंट विनोद’ रिलीज होगी। 2011 को वे जल्दी भूलाना चाहेंगे।

फरहान अख्तर
(जिंदगी ना मिलेगी दोबारा)
निर्माता-निर्देशक और हीरो के रूप में उनकी फिल्में इस वर्ष रिलीज हुईं। गेम जैसी घटिया फिल्म के साथ फरहान का नाम देख लोग चौंक गए। हीरो और निर्माता के रूप में उन्होंने हिट फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ दी। अब निर्देशक के रूप में ‘डॉन 2’ का इंतजार है।

आमिर खान
(धोबी घाट, देल्ही बैली)
पिछले वर्ष की तरह बतौर हीरो इस वर्ष भी आमिर की कोई फिल्म बतौर हीरो रिलीज नहीं हुई। प्रशंसकों के साथ यह नाइंसाफी है क्योंकि वे उन्हें देखने के लिए तरस जाते हैं। हां, बतौर निर्माता उन्होंने दो अलग तरह की फिल्में बनाईं और सफलता ने उनके कदम चूमे। धोबी घाट ऑफ बीट फिल्म थी, लेकिन कमाई का सौदा साबित हुई। ‘देल्ही बैली’ को लेकर इसके पक्ष और विपक्ष में खूब घमासान हुआ, लेकिन इसकी सफलता ने साबित किया कि आमिर के साथ ज्यादा लोग हैं।

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