जेद्दा के विश्व धरोहर सांस्कृतिक इलाके अल बलाड में चौथे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का भव्य शुभारंभ हुआ। इस फिल्म समारोह में भारतीय अभिनेता आमिर खान को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। मशहूर अमेरिकी अभिनेत्री एवा लोंगोरिया ने आमिर खान को सम्मानित करते हुए कहा कि वे जमाने से उनकी फिल्मों की जबरदस्त प्रशंसक रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि आमिर खान ने भारतीय सिनेमा को नई परिभाषा और पहचान दी है। भारतीय सिनेमा को विश्व स्तर पर पहुंचाने में आमिर खान का बहुत बड़ा योगदान रहा है। अवॉर्ड मिलने पर आमिर खान ने कहा कि यह सम्मान अकेले उनका नहीं है। यह सम्मान उन सैकड़ों रचनात्मक लोगों का भी है जिन्होंने अपनी प्रतिभा से पिछले तीस चालीस सालों में उन्हें सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि अरब एक उम्दा इलाका है जहां वे बार-बार आना चाहेंगे। इस अवसर पर ब्रिटिश अभिनेत्री एमिली ब्लंट को भी सम्मानित किया गया।
रेड सी फिल्म फाउंडेशन की अध्यक्ष जोमना अलराशिद ने कहा कि इस बार रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह 85 देशों की 122 फिल्मों के साथ सिनेमा में महिला फिल्मकारों को समर्पित है। इस बार कुल 37 महिला फिल्मकारों को जगह दी गई है। प्रतियोगिता खंड की 16 में से 7 फिल्में महिलाओं की है।
उन्होंने कहा कि यह समारोह सिनेमा का नया घर है। रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह की मदद से अरब सिनेमा ने दुनिया के बड़े फिल्म समारोहों कान, बर्लिन, वेनिस में अपनी जगह बनाई है। आज यह फिल्म समारोह दुनिया भर के प्रतिभाशाली नौजवान फिल्मकारों को हर तरह से सामने लाने में मदद कर रहा है। सऊदी अरब के सहयोग से बनी इजिप्ट के करीम अलशेनावी की फिल्म 'द टेल ऑफ़ डाए स फेमिली' के प्रदर्शन से चौथे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह की शुरुआत हुई।
दुनिया भर से आए सिनेमा प्रेमियों से बातचीत करते हुए एक सवाल के जवाब में आमिर खान ने कहा कि वर्षों से उनकी इच्छा रहीं हैं कि तीनों खान (आमिर, शाहरुख और सलमान) किसी एक फिल्म में साथ साथ काम करें। उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही वे शाहरुख और सलमान से एक साथ मिले थे और वे भी चाहते हैं कि वे तीनों एक साथ काम करें। लेकिन ऐसी फिल्म के लिए जो कहानी उन्हें चाहिए वह अभी तक नहीं मिली है।
आमिर खान ने कहा कि अभी वे तारे जमीं पर फिल्म के सीक्वल में व्यस्त हैं। यह फिल्म एक तरह से कॉमेडी होगी और उन्हें उम्मीद है कि दर्शक इसे पसंद करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अपने लिए स्क्रिप्ट चुनते समय उनका एक हीं आधार होता है कि वह उन्हें सचमुच एक्साइट करें, अपनी ओर खींचे।
उन्होंने कहा कि वे पूरे मनोयोग से स्क्रिप्ट पढ़ते हैं और ज्यादातर को रिजेक्ट कर देते हैं। वजह यह है कि वे एक साल में केवल एक ही फिल्म में काम करते हैं। वे स्क्रिप्ट चुनते हुए जॉनर (प्रकार) की परवाह नहीं करते। बस जो स्क्रिप्ट उन्हें अंदर से उत्साहित कर दे, वे उसे चुन लेते हैं।
आमिर खान ने अपनी फिल्म निर्माण प्रक्रिया पर बोलते हुए कहा कि वे कोशिश करते हैं कि फिल्म निर्धारित बजट में पूरी हो सके। मैं नहीं चाहते कि जो पैसा लगा रहा है वह जोखिम उठाए। यदि फिल्म दस करोड़ में बन सकती हैं तो सौ करोड़ बजट की क्या जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वे अपने पहले के कई अभिनेताओं से बहुत प्रभावित हैं। दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, नसीरूद्दीन शाह, ओम पुरी जैसे अभिनेताओं ने बहुत उम्दा काम किया है। इन अभिनेताओं ने अभिनय का जो कीर्तिमान बनाया है वह काबिले तारीफ है। मैंने उन लोगों से बहुत कुछ सीखा है।
यह पूछे जाने पर कि अगले दस साल वे क्या करना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि मैं जीवन में कभी भी यह नहीं सोचता कि आगे क्या करना है या कोई योजना बनानी है। फिर भी उन्होंने कहा कि उनका प्रोडक्शन हाउस देश की नौजवान प्रतिभाओं के लिए काम करेगा। देश में युवा प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें समर्थन और सहयोग देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे एक कमर्शियल अभिनेता हैं और उनकी फिल्में बड़े बजट की होती हैं, पर 'लापता लेडीज' जैसी फिल्मों को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है।
आमिर ने कहा कि उन्हें वे फिल्मकार पसंद है जो अच्छे सिनेमा के लिए जोखिम उठाते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण चेतन आनंद की फिल्म 'हीर रांझा' है। यह पूरी फिल्म पद्य में हैं। यहां तक कि पोस्टमैन भी अपने संवाद कविता में बोलता है। बिमल राय, गुरुदत्त और व्ही शांताराम जैसे कालजयी फिल्मकारों ने जोखिम उठाकर महान फिल्में बनाई। उन्होंने कहा कि सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं हो सकता, उसे समाज के लिए संदेश भी देना चाहिए। 'थ्री इडियट', 'तारे जमीं पर', 'दंगल' आदि ऐसी ही फिल्में हैं।
'पानी फाउंडेशन' के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी प्रेरणा और विचार उन्हें उनके टेलीविजन शो 'सत्यमेव जयते' से मिला। सोचा गया कि पहले महाराष्ट्र में कुछ काम करके देखते हैं। फिर यदि सफलता मिली तो इसे पूरे देश में लागू करेंगे। अभी तक हम उस स्तर पर नहीं पहुंच सके हैं कि देश स्तर पर काम शुरू करें। आमिर खान ने अपनी मां के साथ बचपन के अनुभवों को याद करते हुए कहा कि वे जब बच्चे थे तो टेनिस खेलते थे और राज्य स्तरीय मैच जीत चुके थे।
आमिर ने कहा, एक बार वे एक महत्वपूर्ण टेनिस मैच जीतकर लौटे तो उनकी मां ने पूछा कि मैच कैसा रहा। उन्होंने कहा कि वे मैच जीत गए हैं। चाय बनाते हुए उनकी मां ने कहा कि जो बच्चा मैच हार गया है उसकी मां ने भी उससे पूछा होगा कि मैच कैसा रहा और उसने बताया होगा कि वह मैच हार गया है। तुम्हे उस बच्चे के बारे में सोचना चाहिए जो तुमसे मैच हार गया है। मुझ पर मेरी मां का सबसे ज्यादा प्रभाव है।
आमिर खान ने कहा कि वे जिंदगी भर अपनी मां की यह सीख याद रखें हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक अभिनेता मे एमपैथी होनी चाहिए। उसमें दूसरों के दुःख को महसूस करने की ताकत होनी चाहिए। तभी वह एक अच्छा कम्युनिकेटर बन सकेगा।
सिनेमा पर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे टेक्नोलॉजी के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते। वे तो ठीक से अपना टेलीविजन भी नहीं आपरेट कर सकते। सऊदी अरब में फिल्म बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें यह देश पसंद आया। वे यहां बार बार आना चाहेंगे। यदि कोई अच्छी कहानी मिली तो वे फिल्म जरूर बनाएंगे।