अमर अकबर एंथनी के 43 साल, आज रिलीज होती तो बाहुबली 2 से भी ज्यादा होता कलेक्शन

समय ताम्रकर

बुधवार, 27 मई 2020 (14:03 IST)
27 मई 1977 को मनमोहन देसाई द्वारा‍ निर्देशित फिल्म 'अमर अकबर एंथनी' रिलीज हुई थी। आज इसे रिलीज हुए 43 साल पूरे हो गए। इसे बॉलीवुड की सबसे जोरदार मसाला फिल्म माना जाता है। क्या नहीं था इस फिल्म में?
 
एक जबरदस्त स्टार कास्ट। शानदार संगीत। जोरदार इमोशन। भाईचारा। मारामारी। कॉमेडी। फिल्म में खूब ऊंची-ऊंची भी फेंकी गई थी, लेकिन ड्रामा इतना जबरदस्त था कि सभी बातों को दर्शक पचा गए। 
 
फिल्म की स्टारकास्ट पर गौर फरमाइए। अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना में तब नंबर वन के सिंहासन को लेकर गलाकाट मुकाबला चल रहा था। ये दोनों सितारे इस फिल्म का हिस्सा थे। 
 
अमिताभ और विनोद खन्ना एक्शन हीरो थे, इसलिए रोमांस का जिम्मा ऋषि कपूर पर था। वे युवाओं में लोकप्रिय थे। इसलिए यह तिकड़ी एक-दूसरे की पूरक थी। 
 
हीरोइन के रूप में परवीन बॉबी थीं, जिनकी सुंदरता के उस समय चर्चे थे। ऋषि के साथ नीतू सिंह को लिया गया जिनकी जोड़ी बहुत पसंद की जाती थी। शबाना आजमी कला फिल्मों से निकल इस बड़ी कमर्शियल फिल्म का हिस्सा बनी। 
 
इस बड़ी स्टारकास्ट के साथ प्राण, निरुपा रॉय, जीवन, मुकरी, रंजीत और हेलन जैसे चरित्र कलाकार थे जो अपने आप में बड़ा नाम थे। दर्शकों को सिनेमा तक खींच लाने में स्टारकास्ट ही काफी थी। 
 
फिल्म का‍ निर्देशन मसाला फिल्मों के किंग मनमोहन देसाई ने किया था जो हर काम लार्जर देन लाइफ करते थे। खोया-पाया के चिरपरिचित फॉर्मूले पर उन्होंने यह फिल्म बनाई और तीन धर्मों को आपस में जोड़ कर भाईचारे का संदेश भी उन्होंने फिल्म के जरिये दिया। 
 
फिल्म में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने संगीत दिया। 'अमर अकबर एंथनी', 'हमको तुमसे हो गया है प्यार', 'तैयब अली प्यार का दुश्मन' तो गली-गली गूंजे थे। 'परदा है परदा' कव्वाली ने धूम मचा दी थी। 'शिर्डी वाले साईबाबा' आज भी सुना जाता है। 
 
'माय नेम इज़ एंथनी गोंसाल्विस' का फिल्मांकन आज भी दर्शकों को याद है जिसमें अमिताभ अंडे से निकलते हैं और बड़ी तेजी से अंग्रेजी में बड़बड़ाते हैं। उनका यह बड़बड़ाना ब्रिटिश राजनेता बेंजामिन द्वारा 1878 में दिए गए भाषण का हिस्सा है। 
 
लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और मुकेश ने एक ही गाने 'हमको तुमसे हो गया है प्यार' में साथ में स्वर दिए। शायद यह पहला और अंतिम मौका था जब इतने दिग्गज एक ही गाने में सुनने को मिले। 
 
इतनी बड़ी स्टारकास्ट को लेकर एक साथ शूट करना आसान नहीं था। डेट्स मिलाना बहुत मुश्किल था। मनमोहन देसाई ने चतुराई के साथ शूटिंग की। क्लाइमैक्स और 'अमर अकबर एंथनी' गाने को छोड़ तीनों हीरो ने कभी साथ में शूटिंग नहीं की। 


फिल्म रिलीज़ हुई और दर्शक इसे देखने टूट पड़े। सिनेमाघरों में लंबी लाइनें लगीं। टिकटों की कालाबाजारी हुई। महीनों तक इस फिल्म ने सिनेमाघर से उतरने का नाम नहीं लिया। तीन भाइयों की यह कहानी दर्शकों के दिल को छू गई। 
 
इस फिल्म ने 1977 में 7.25 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। यदि आज के टिकट रेट के हिसाब से इसका मूल्यांकन किया जाए तो इसके कलेक्शन बाहुबली 2 से ज्यादा होंगे। खुद अमिताभ बच्चन ने भी इस बात को ट्वीट के जरिये कहा है। 

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