इत्तेफाक का क्या होगा बॉक्स ऑफिस पर

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राजेश खन्ना और नंदा अभिनीत थ्रिलर मूवी से प्रेरित होकर सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनाक्षी सिन्हा और अक्षय खन्ना को लेकर 'इत्तेफाक' बनाई गई है जिसके फर्स्ट लुक और ट्रेलर ने दर्शकों का खासा ध्यान आकर्षित किया है। राजेश वाली इत्तेफाक के निर्माता थे बीआर चोपड़ा और निर्देशन उनके छोटे भाई यश चोपड़ा ने किया था। 
 
2017 की इत्तेफाक बीआर चोपड़ा के पोते अभय चोपड़ा ने निर्देशित की है। बॉलीवुड में पैर जमाने के लिए उन्होंने अपने दादाओं की क्लासिक फिल्म को दोबारा बनाने की का सहारा लिया है। इस फिल्म के निर्माण में अभय का घरेलू बैनर के अलावा शाहरुख खान और करण जौहर जैसे दिग्गज निर्माता के बैनर भी शामिल हैं। 
 
इस फिल्म को बेहद सुरक्षित तरीके से बनाया गया है ताकि अभय की सफल शुरुआत हो। जोखिमों पर गौर तय करके बजट निर्धारित कर सुरक्षित दांव खेला गया है। फिल्म 30 करोड़ रुपये में तैयार हुई है। चूंकि शाहरुख और करण जैसे लोग निर्माता है इसलिए म्युजिक, ओवरसीज़, डिजिटल और सैटेलाइट राइट्स के जरिये 20 करोड़ रुपये मिल गए हैं। 
 
बची हुई रकम निकालने के लिए फिल्म को बीस करोड़ रुपये का कलेक्शन थिएटर्स से करना होगा जो‍ कि बहुत आसान है। उम्मीद की जा रही है कि पहले वीकेंड पर ही यह फिल्म इस आंकड़े के आसपास पहुंच जाएगी, लेकिन अहम बात यह है कि फिल्म कितना लंबा सफर तय करती है। 
 
फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा सबसे बड़ा नाम हैं, लेकिन उनकी पिछली कुछ फिल्में असफल रही हैं इसलिए वे अपने समकालीन अभिनेताओं से बहुत ज्यादा पिछड़ गए हैं। उनकी पिछली फिल्म 'ए जेंटलमैन' ने तो बॉक्स ऑफिस पर पानी भी नहीं मांगा था। 
सोनाक्षी सिन्हा का भी यही हाल है। उनकी लोकप्रियता में काफी गिरावट आई है। अक्षय खन्ना अब बिकाऊ सितारे रहे नहीं हैं, लिहाजा फिल्म को बहुत जोरदार ओ‍पनिंग तो नहीं लगेगी। जो भी ओपनिंग लगेगी वो इस बात पर कि यह एक शानदार फिल्म से प्रेरित है। थ्रिलर है। यदि यह दिलचस्प होती है तो 40 से 50 करोड़ रुपये तक का लाइफटाइम बिजनेस कर सकती है। 
 
अभी-अभी गोलमाल अगेन ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई है। दिवाली जैसा खर्चीला त्योहार गुजरा है, लिहाजा लोग अब ज्यादा पैसे खर्च करने के मूड में नहीं हैं। इसका सीधा असर 'इत्तेफाक' पर पड़ सकता है। अच्छी फिल्म होने के बावजूद ज्यादातर दर्शक इसके लिए सिनेमाघर शायद ही जाएं। कहीं न कहीं फिल्म की रिलीज डेट सही नहीं लग रही है। 
 
फिल्म का कम बजट होने के लिए यह सुरक्षित दांव जरूर है, लेकिन बहुत ज्यादा सफलता की उम्मीद भी फिल्म से नहीं की जा सकती। अभय के लिए फिल्म के व्यवसाय से ज्यादा यह बात महत्वपूर्ण है कि उन्होंने फिल्म कैसी बनाई है?  

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