दीपिका पादुकोण के साथ संजय लीला भंसाली गोलियों की रासलीला रामलीला, बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्म बना चुके हैं। यह दीपिका के करियर की बेहतरीन फिल्में हैं। दीपिका की खूबसूरती और अभिनय इन फिल्मों में उनकी अन्य फिल्मों की तुलना में ज्यादा चमकदार नजर आती हैं।
भंसाली और दीपिका का रिश्ता अब कुछ इस तरह का हो गया है कि भंसाली को दीपिका किसी भी फिल्म के लिए ना नहीं कह सकती और बिना स्क्रिप्ट सुने भी फिल्म कर सकती हैं। भंसाली की तीनों फिल्मों में दीपिका के हीरो रणवीर थे और भंसाली के सेट से ही प्रेम कथा शुरू हुई और रणवीर ही दीपिका के जीवनसाथी बने। इसलिए दीपिका के लिए भंसाली की फिल्में और भी ज्यादा खास हो जाती हैं।
रणबीर कपूर को फिल्मों में पहला अवसर भंसाली ने ही सांवरिया के माध्यम से दिया था। उसके पहले रणबीर, भंसाली के सहायक निर्देशक के रूप में भी काम कर चुके थे। सांवरिया के बाद भंसाली को रणवीर मिल गए और उन्होंने रणबीर को भूला ही दिया।
बैजू बावरा एक संगीतज्ञ की कहानी है और हो सकता है कि भंसाली को लगा हो कि रणवीर की तुलना में रणबीर ज्यादा बेहतर साबित होंगे। वैसे रणवीर ने भंसाली की फिल्मों में हर बार चौंकाया है। फिल्म बनते समय लग रहा था कि क्या रणवीर यह भूमिका निभा पाएंगे? इस सवाल का जवाब रणवीर ने अपने काम से अपेक्षा से ज्यादा दिया।
फिलहाल बैजू बावरा का आइडिया भंसाली के दिमाग में है। कई बार कलाकारों की अदला-बदली होती रहती है। देखने वाली बात होगी कि क्या यह फिल्म रणबीर और दीपिका को लेकर बनेगी, जिनका बहुत करीबी रिश्ता रहा है, लेकिन अब राहें अलग हो गई हैं।