सुशांत सिंह राजपूत : धोनी और छिछोरे करने वाले शख्स से ऐसी उम्मीद नहीं थी

समय ताम्रकर
रविवार, 14 जून 2020 (15:08 IST)
सुशांत सिंह ने अपने छोटे से फिल्मी करियर में दो महत्वपूर्ण फिल्में की थीं। 'छिछोरे' और 'एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी'। इनको महत्वपूर्ण किरदार इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस फिल्म में सुशांत द्वारा निभाए गए किरदार बहुत दमदार थे। 
 
छिछोरे में सुशांत ने अनिरुद्ध पाठक का किरदार‍ निभाया था। अनिरुद्ध ने बेहतरीन पढ़ाई कर अपना शानदार करियर बनाया है, लेकिन उसका बेटा इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में असफल होने पर आत्महत्या करने की कोशिश करता है। 
 
गंभीर अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती किया जाता है। धीरे-धीरे उसे होश आता है तो अनिरुद्ध अपने दोस्तों के साथ अपने बेटों को असफलता से दो-दो हाथ करना सिखाता है। 
 
जिंदगी में कैसे संघर्ष किया जाए? कैसे आगे बढ़ा जाए? ये सब बातें वह अनिरुद्ध और उसके दोस्त अपने निजी अनुभव के जरिये उसे सुनाते हैं। 
 
अनिरुद्ध बताता है कि तमाम विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद वह हार नहीं मानता। रणनीति बनाता है। और सफलता हासिल करता है। 
 
यह एक आशावादी फिल्म थी जिसमें दर्शाया गया था कि संघर्ष ही जिंदगी है और सफलता की तरह असफलता भी जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन हमें निराश नहीं होना चाहिए। यदि हम हिम्मत और सूझबूझ से काम करें तो सफलता हमारे कदम चूमेंगी। 
 
एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में सुशांत को भारत के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक महेंद्र सिंह धोनी का किरदार निभाने का अवसर मिला। धोनी का करियर तो जीवटता से भरपूर रहा है। वे भारत के सबसे चतुर कप्तानों में से एक माने जाते हैं जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी के बूते पर कई ऐतिहासिक विजय दिलाई है। 
 
कहते हैं कि किरदार निभाते समय कलाकार पर भी उस किरदार का असर होता है। दिलीप कुमार लगातार निराशावादी भूमिका निभाते हुए डिप्रेशन का शिकार होने लगे थे क्योंकि किरदारों के दर्द को वे अपने साथ शूटिंग के बाद भी घर ले जाते थे। 
 
वे डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने उन्हें हास्य फिल्म करने के‍ लिए कहा। तब दिलीप कुमार ने राम और श्याम तथा गोपी जैसी फिल्में की।
 
क्या सुशांत ने छिछोरे और धोनी जैसी फिल्मों के इतने आशावादी और किसी भी परिस्थिति में हार न मानने वाले किरदार निभाए तो उन पर कोई असर नहीं हुआ? 
 
इतने दमदार रोल निभाने वाला आखिर जिंदगी की लड़ाई में ऐसे कैसे हार मान सकता है? सुशांत ने जो सपने देखे थे उनमें से अधिकांश पूरे हुए। 
 
उन्होंने इंज‍ीनियरिंग की पढ़ाई की। टीवी के जरिये अभिनय की दुनिया में कदम रखा और लोकप्रिय हुए। फिल्मों में कदम रखा और वहां भी सफलता मिलनी शुरू हुई थी। 
 
लोकप्रिय वे हो गए थे। आर्थिक रूप से भी मजबूत थे। ऐसे में जिंदगी को खत्म करने का इतना बड़ा कदम वे उठा लेंगे, किसी ने भी नहीं सोचा था। 
 
धोनी और छिछोरे जैसी फिल्म करने वाले शख्स से ऐसी उम्मीद नहीं थी।  
 

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