अमिताभ बच्चन के साथ काम कर आत्मविश्वास बढ़ा : जाकिर हुसैन
जाकिर हुसैन को परिचय की आवश्यकता नहीं है। कई फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय के रंग बिखेरे हैं। वे अब 'युद्ध' नामक टीवी धारावाहिक में अमिताभ बच्चन के साथ नजर आएंगे। पेश है जाकिर के साथ बातचीत के मुख्य अंश :
युद्ध में अपने किरदार आनंद उपाध्याय के बारे में कुछ बताएं? आनंद उपाध्याय नामक किरदार निभा रहूा हूं जो युधिष्ठिर सिकरवार (अमिताभ बच्चन) का दाहिना हाथ है। शो प्रसिद्ध उद्योगपति युधिष्ठिर सिकरवार की कहानी पर आधारित है, जो मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और पेशेवर लड़ाई में फंस जाता है। अमिताभ और मैं मिलकर एक बड़े बिजनेस एम्पायर को संभालते हैं। मैं कंपनी की भलाई के लिए समाधान एवं सुझाव देता हूं। आनंद की तरह मेरी शख्सियत शांत और सरल स्वभाव के व्यक्ति की है और मैं आमतौर पर भावनाओं को प्रदर्शित नहीं करता।
यह भूमिका कैसे मिली? अनुराग और मैं लंबे समय से अच्छे दोस्त हैं। वे अपने अभिनेताओं से जुड़े रहते हैं और अपने करिश्माई सिनेमेटिक भावना के साथ उसे एक टीम में परवर्तित करते हैं। अनुराग अभिनेताओं में अपने किरदारों को आसानी से ढूंढ लेते हैं। अपनी इसी स्वाभाविक खूबी के कारण वे यह आसानी से जान लेते हैं कि वे किस व्यक्ति को किसी किरदार में ढालना चाहते हैं।
एक दिन अनुराग ने खुलकर मुझे बताया कि मैं जैसा दिखता हूं, बिलकुल वैसा ही हूं और मेरे चरित्र में यह बात स्वयं ही आ जाएगी। आनंद के किरदार के कुछ हिस्से मेरी स्वयं की शख्सियत से काफी मेल खाते हैं। मैंने अभिनय के प्रति अपनी खुद की समझ विकसित की और स्वयं को शो के लिए आवश्यक कौशल से सुसज्जित किया। आखिरकार मैंने एक चरित्र को निखारने का हुनर सीखा। व्यक्ति को पता होना चाहिए कि तीन आवश्यक बातों यानी बनाना, सजाना और संवारना को कैसे परफॉर्म करना चाहिए।
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आपकी पूर्व की भूमिकाओं से यह रोल कितना अलग है? आनंद पूरे सोच-विचार के साथ किसी परिस्थिति से निपटता है। मेरे चरित्र का शांत एवं सरल स्वभाव उसे तेज दिमाग का अद्भुत व्यक्ति बनाता है। दूसरी भूमिकाओं से तुलना करें तो यह व्यक्ति अत्यधिक सावधान है और बेहद गुणात्मक तरीके से निर्णय लेता है। मैं अपने चरित्र की खूबियों को नजरअंदाज नहीं कर सकता। मैं जो भी करता हूं, शानदार होता है। आनंद की भूमिका निभाना बहुत कठिन था, लेकिन साथ ही यह काफी उत्साहित भी था।
मेगास्टार अमिताभ बच्चन के साथ काम करके कैसा लगा? अभी तक मुझे किसी भी प्रतिष्ठित कलाकार के साथ काम करने में समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। मैं अपने अवरोध को समय के साथ छुपा लेता हूं। एक टीम के रूप में हमारा ध्यान सदैव सीन को बेहतर बनाने में रहता है। अमिताभ लोगों को उनके सीमित पूर्वाग्रह से बाहर निकलने में मदद करते हैं। वे कई बार चरित्र में जान डालने के लिए नई बातें और तरीके सुझाते हैं। वे युवा अभिनेताओं को उनकी समस्याओं से निजात दिलाते हैं। अमिताभ बच्चन जैसे बड़े एक्टर्स के साथ स्क्रीन साझा करने से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। वे आत्मविश्वास से लबरेज एक दूरदर्शी इंसान हैं और हमेशा अपने किरदार में अनोखापन लाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
इस निश्चित समयावधि की टीवी सीरीज के ट्रेंड पर क्या कहना चाहेंगे? प्रत्येक शो के अपने दर्शक होते हैं और ये अपने अनूठे जन आधार की जरूरतों की पूर्ति करते हैं। वर्तमान समय में दर्शकों की मांग में बदलाव आ रहा है और टीवी शो के फॉर्मेट में कई परिवर्तन देखने को मिले हैं। परिवर्तन अटल है और यह सभी की बेहतरी के लिए होता है।