हेट स्टोरी इरोटिक थ्रिलर है : पाउली दाम

एक्ट्रेस पाउली दाम और फिल्म ‘हेट स्टोरी’ इस समय चर्चा में है। चर्चा का कारण है ‍बोल्डनेस। विक्रम भट्ट द्वारा निर्मित इस इरोटिक थ्रिलर में ढेर सारे हॉट शॉट्स हैं और सेंसर इस फिल्म के प्रति बेहद उदार लगता है। कई बंगला फिल्मों में अभिनय कर चुकीं पाउली ने अपनी पहली हिंदी फिल्म के जरिये ही बता दिया है कि आने वाले समय में वे बिपाशा, मल्लिका जैसी हीरोइनों को कड़ी टक्कर देने वाली हैं। पेश है पाउली से बातचीत :

क्या आपको नहीं लगता कि किसी बड़े स्टार से साथ आप हिंदी‍ फिल्मों में अपना करियर शुरू करतीं तो बेहतर होता
सुपरस्टार का फिल्म में होना सफलता की गारंटी नहीं है। साथ ही सुपरस्टार की फिल्म में हीरोइन के लिए ज्यादा स्कोप नहीं रहता है। वह सिर्फ शो-पीस की तरह होती है। हेट स्टोरी की फिल्म मेरे किरदार के इर्दगिर्द घूमती है। मुझे अपनी अभिनय प्रतिभा दिखाने का अवसर अपनी पहली ‍हिंदी फिल्म में ही मिल गया है। मुझे नहीं लगता कि इससे बेहतर शुरुआत हो सकती है।

यह फिल्म कैसे मिली?
विक्रम भट्ट ने मेरी कुछ बंगला फिल्में देख रखी हैं। वे हेट स्टोरी के लिए हीरोइन तलाश रहे थे और उन्हें लगा कि मैं इसके लिए उपयुक्त रहूंगी। उन्होंने मुझसे संपर्क किया। जब उन्होंने स्क्रिप्ट सुनाई, मेरे किरदार के बारे में बताया, उसी समय मैंने फैसला कर लिया कि ये फिल्म तो मुझे करना ही है।

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हिंदी बोलने और समझने में परेशानी नहीं हुई?
हिंदी मैं अच्छी तरह समझ लेती थी, लेकिन बोलने में अटकती थी। इसलिए ‘हेट स्टोरी’ की शूटिंग शुरू होने के तीन महीने पहले ही मैं मुंबई में आ गई। हिंदी की जमकर प्रेक्टिस की। मैंने लोगों से बात करते समय हिंदी बोलना शुरू कर दिया और इससे मुझे काफी मदद मिली।

आपके बोल्ड सीन को लेकर काफी चर्चा है।
यह एक इरोटिक थ्रिलर है इसलिए बोल्ड सीन तो होंगे ही। मुझे इन दृश्यों को करने में कोई परेशानी नहीं हूं। मैं एक एक्टर हूं और ये बोल्ड सीन मैंने ऐसे ही किए जैसे डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाने का सीन हो। मैं उस समय अपने किरदार में खो जाती हूं और आप मुझे नहीं उस किरदार को देख रहे होते हैं।

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हिंदी और बंगाली सिनेमा में क्या अंतर पाती हैं?
हिंदी सिनेमा ग्लैमरस है। यहां की फिल्मों का बजट ज्यादा होता है। फिल्में लार्जर देन लाइफ होती हैं और इनकी पहुंच ज्यादा है। बंगाली सिनेमा परंपरावादी है और अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है।

अब आप हिंदी फिल्मों को प्राथमिकता देंगी या बंगाली फिल्मों को?
इस बारे में मैंने कुछ सोचा नहीं है। पूरा ध्यान इस समय सिर्फ हेट स्टोरी पर है।

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