बचपन से ही एक्ट्रेस बनने का सपना देखती थीं खुशी कपूर, फिल्म लवयापा को लेकर कही यह बात

रूना आशीष

गुरुवार, 30 जनवरी 2025 (18:07 IST)
मैंने और जुनैद दोनों ने ही अपना करियर ओटीटी से शुरू किया था और अब जाकर हम लोग थीएट्रिकल फिल्म के लिए काम कर रहे हैं। मेरे लिए बहुत अलग-अलग तरीके की बात है क्योंकि ओटीटी से शुरुआत करना और फिर आप वहा से थीएट्रिकल में आ रहे हैं। कहानियां बहुत अलग हो जाती हैं। 
 
वह कहानी अलग थी और इसमें मैं बहुत अलग रूप में लोगों के सामने नजर आने वाली हूं और फिर थिएटर में बात हो जाती है कि ओपनिंग लगेगी कितने कमाएगी? कितना अच्छा परफॉर्म करेगी लोगों को कितनी पसंद आएगी तो उस तरीके का जो एक प्रश्न होता है, वह कहीं ना कहीं आपके दिमाग में रहता है।
 
यह कहना है खुशी कपूर का जो कि श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी हैं। बहन जाह्नवी कपूर के बाद से श्रीदेवी की दूसरी बेटी खुशी भी फिल्मों की तरफ अपना रुख कर चुकी हैं। उनकी फिल्म आर्चीज पहले ही ओटीटी पर आ चुकी है। लेकिन यह पहली बार है जब वह बड़े पर्दे पर नजर आने वाली है। लवयापा के प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान खुशी ने कई सारी बातें पत्रकारों से शेयर की। 
 
इतने सारे फिल्मी घरवालों से मिलने के बाद कब आपको लगा कि आपके अंदर कलाकार मौजूद है। 
बहुत बचपन से ही मुझे समझ में आ गया था कि मुझे एक्टर बनना है। मैं और जानू हम लोग तो कितना मामा के साथ सेट पर जाया करते थे। यहां वहां घूमते रहते थे। भागते रहते थे। कभी इस से बात कर ली, कभी उससे बात कर ली। यह तय था कि मैं बड़े होकर एक्ट्रेस ही बनने वाली हूं। बस बात समय पर आ गई थी कि कब बनने वाली हूं, कब मेरी फिल्म मिलने वाली है? 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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लोगों को लग रहा था कि खुशी फिल्मों में आ ही जाएगी, लेकिन आपने काफी देर लगा दी। इस देरी में क्या वजह हो गई?
मुझे नहीं लगता बहुत देर हुई है। मैं सिर्फ 19 साल की ही थी जब आर्चीज के लिए ऑडिशन दिया था। इस समय में मैं अपने आप को बहुत तैयार कर रही थी। मैं एक साल एक्टिंग स्कूल में भी गई थी। फिर बीच में डांस की बहुत ज्यादा प्रैक्टिस की बाकी की सब चीजें सीख रही थी। समय होता तो शायद उससे भी ज्यादा तैयार होकर अपने दर्शकों के सामने आती। लेकिन हर कलाकार के साथ यह भी उतना ही सच है कि उसे यह लगता है कि वह कभी भी पूरी तरीके से तैयार हो नहीं पाया है कि वह फिल्मों में आए।
 
आर्चीज जब रिलीज हुई थी तो ट्रोलिंग का भी शिकार हुई हैं। आपने कैसे अपने आप को संभाला? 
हां, बहुत ज्यादा ट्रोलं किया गया था उस समय हमको। लेकिन हम लोगों की नजरों में रहे हैं यह आज के नहीं बहुत पुरानी बात है हमारे लिए कितनी बार ऐसा होता था कि बचपन में मैं और मम्मी-पापा बाहर जाते थे तो लोग हमें देखते थे। हमारी फोटो आते थे। हमारी हर बात को नोटिस किया जाता था। कुछ नया नहीं है मेरे लिए ये सब। 
 
लेकिन हां फिल्म के बाद जब यह सब हुआ तब मुझे स्वीकार करना पड़ा और अब तो मैं बिल्कुल ऐसी हो गई हूं कि जिसको जैसे बोलना है, बोलने दीजिए। मुझे क्या करना है, मैं जानती हूं। मुझे बहुत सारा काम करना है। बहुत अच्छा काम करना है। मैं उसी पर अपना ध्यान रखूंगी। अगर एक सिनेमा में अच्छा काम किया है तो दूसरी फिल्में उससे ज्यादा अच्छा काम करूं या एक फिल्म में मैं कहीं कम पड़ गई हूं तो अगली फिल्म में पूरी ताकत लगा दूं ताकि अपनी एक्टिंग को निखार सकूं।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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जब मॉम फिल्म के दौरान हम लोग श्रीदेवी जी से मिले थे तब हमसे कहा था कि उनकी बेटियां फिल्मों में काम करें उनकी इच्छा कभी भी नहीं रही। 
मेरी मां ने कभी हमसे ऐसा कुछ कहा तो नहीं। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि वह हमें लेकर बहुत प्रोटेक्टिव हो गई होंगी क्योंकि फिल्मों में काम करना है, इंडस्ट्री में काम करना सिर्फ ऊपरी-ऊपरी तौर पर दिखाई देता है कि आप फिल्म सेट पर जा रहे हैं, मेकअप लगा रहे हैं और एक्टिंग कर रहे हैं, लेकिन इसके अलावा भी बहुत सारी चीजें में आपको ध्यान रखना पड़ता है। 
 
कुछ सोसाइटल प्रेशर भी होते हैं कहीं अपना बहुत ध्यान रखना होता है यानी एक्टिंग करना तो सबसे आसान भाग है एक्ट्रेस बनने का उसके अलावा भी कई सारे काम और कई सारे प्रेशर आप पर हमेशा बन जाते हैं। शायद इस वजह से उनको लगा होगा कि कहां मेरी बिटिया इतना परेशानी झेलें इससे अच्छा वह इंडस्ट्री में ना आए। लेकिन मुझे और जाह्नवी दोनों को बचपन से मालूम था कि बड़े होके हम लोगों को क्या करना है? 
 
अगर आपको अपना फोन किसी से बदलना है तो कौन होगा क्या वह जाह्नवी भी होगी और कभी आपके जीवन में ऐसी अदला-बदली किसी दोस्त के जीवन में चल रही हो? तो आप अपनी दोस्त को क्या कहेंगे और उनके पेरेंट्स को क्या कहेंगे?
मैं और मेरी बहन के फोन में हमको नहीं लगता कि कुछ खास मिलने वाला है। कोई राज खुलने नहीं वाले हमारे यहां। बहुत सारे पेट के फोटो मिल जाएंगे। बहुत सारे क्यूट क्यूट से पिक्चर होगंे  अपने पेट्स के साथ। मेरा और जानू का फोन अगर अगला बदली हो भी जाता है तो कोई भूचाल नहीं आएगा। कोई राज नहीं है। 
 
जहां तक बात है कि क्या फोनों की अदला-बदली मेरे दोस्तों के यहां चल रही होगी तो मुझे ऐसा लगता है कि आप किसी भी तरीके के रिश्ते में हो एक दूसरे को समझने के लिए थोड़ी सी स्पेस देना सामने वाले की बाउंड्री का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आप कितने अच्छे रिलेशनशिप को निभा रहे हो, लेकिन फिर भी आपको थोड़ी स्वतंत्रता देनी होगी सामने वाले को ताकि वह भी बेहतर इंसान बन सके और अगर ऐसा जानबूझकर कोई माता-पिता कर रहे हैं। तब मुझे ऐसा लगता है कि क्या माता-पिता को ऐसी जरूरत आन पड़ी है। क्या सामने वाला लड़का या लड़की उनके बच्चे के लिए ठीक नहीं है। अगर थोड़ी सी भी ऐसी भनक लगती है तो फिर इस तरीके की अदला बदली बुरी बात नहीं होंगी। 

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