प्राण की पसंद-नापसंद

*प्राण को अपनी फिल्में देखना पसंद नहीं, वे इसे समय की बर्बादी समझते।
* खलनायक के कारण नायक जाना जाता है। जैसे कंस से कृष्ण और रावण से राम।
*प्राण की नजर में आजकल के खलनायक लाउड, ओवर एक्टिंग और विलेन की तरह होते हैं। उन्हें हीरो जैसा होना चाहिए।
* परेश रावल, प्राण की पसंद हैं। दक्षिण के शिवाजी गणेशन उनके फेवरिट रहे।
*मेहबूब खान तथा वी. शांताराम के साथ काम न करने का प्राण को अफसोस रहा।
*टाइटिल रोल करने के लिए प्राण की पसंदीदा फिल्म हलाकू (1956) रही। चंगेज खां का बेटा हलाकू।
*प्राण की नजर में उनका सबसे कठिन रोल फिल्म 'परिचय' (1972) में जीतेंद्र-जया भादुड़ी के दादाजी की भूमिका रही।
*प्राण को बुरे रोल और भारत की गरीबी से दर्द होता है।
*सबसे कीमती उपहार प्राण को सितंबर 2004 में मिला, जब उनकी पोती ने बेटे को जन्म दिया और उसका नाम रखा-अमर प्राण।

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