बॉलीवुड में किस्मत का ऊँट किस करवट बैठेगा, यह भविष्यवाणी करना कतई आसान नहीं है। वैसे ज्यादातर मामलों में यह ऊँट दर्शकों के हिसाब से ही बैठता-खड़ा होता है। इसलिए सारी कवायद दर्शकों को ध्यान में रखकर की जाती है, लेकिन कई बार दर्शक इसके बावजूद आपकी तमाम मेहनत को नजरअंदाज़ कर देते हैं।
शुरू-शुरू में जैकलीन के साथ भी यही हुआ...। वैसे भी उन्हें तो सुंदर दिखने के अलावा हर चीज़ के लिए मेहनत करनी ही थी... हिन्दी से लेकर अभिनय तक के लिए। आखिरकार अब उनकी दुनिया में सितारों की चमक बढ़ती जा रही है।
रितेश देशमुख के साथ 'अलादीन' तथा 'जाने कहाँ से आई है' में बतौर सोलो अभिनेत्री काम करने के बाद भी जैकलीन को खास सफलता नहीं मिल पाई थी। लेकिन 'हाउसफुल' में 'अपनी तो जैसे-तैसे...' जैसा आइटम नंबर करने के बाद अचानक जैकलीन की किस्मत ने पलटी मारी। इसके बाद 'मर्डर-2' उनके हाथ लगी और यह फिल्म हिट की श्रेणी में रखी गई... (पता नहीं कैसे)।
PR
इस एक हिट ने फिलहाल मिस श्रीलंका यूनिवर्स जैकलीन फर्नांडीस की जिंदगी कई मायनों में बदल दी है। यही नहीं, हिट के अलावा साजिद खान जैसे बड़े नाम के साथ खास रिश्ते का जुड़ना भी उनके लिए भाग्यशाली रहा है। 'हाउसफुल-2' के अलावा 'रेस-2' में वे शामिल है। इसके अलावा 'टोटल धमाल' में वे आयटम नंबर करती नज़र आएँगी यानी 'जैकी' (यह नाम उनके दोस्तों ने उन्हें दिया है) का भाग्य फिलहाल दुगनी रफ्तार से दौड़ रहा है या कहें कि फिलहाल उनकी बल्ले-बल्ले है।
उन जैसी कई अभिनेत्रियाँ (?) (युवतियाँ कहना ज्यादा ठीक होगा...) बॉलीवुड में जीवन के बेहतरीन साल बिता देने के बाद भी वह मुकाम हासिल नहीं कर पातीं, जो 26 साल की जैकलीन ने पिछले कुछ ही दिनों में हासिल कर लिया है।
सबसे बड़ी बात यह कि साजिद खान के जिंदगी में आ जाने के बाद तो अब उन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंता करने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। साजिद खान न केवल इंडस्ट्री में खासा नाम रखते हैं और स्थापित व्यक्ति हैं बल्कि निजी तौर पर वे महिलाओं का बेहद सम्मान करने वाले व्यक्ति हैं।
शोहरत होने के बावजूद उनका नाम कभी किसी के साथ नहीं उछाला गया। इस लिहाज से भी जैकलीन निश्चिंत रह सकती हैं। अगर खबरों की मानें तो साल 2012 में ये जोड़ा शादी के बंधन में बँध सकता है। ऐसे में जहाँ तक बात करियर की है तो जब तक साजिद फिल्में बनाएँगे अपनी बीवी के लिए एक रोल तो पक्के में रखेंगे। यदि साजिद फिल्म न भी बनाएँ तो भी फिल्म इंडस्ट्री में उनके बेहद अटूट रिश्ते तो काम आएँगे ही।
खुद जैकी भी मानती हैं कि वे दूसरों की तुलना में जल्दी सफलता पा गईं। वे कहती हैं- ऐसी कई टैलेंटेड युवतियाँ हैं, जो बॉलीवुड में एक ब्रेक के लिए बेहद संघर्षभरे दिन बिता रही हैं लेकिन उन्हें काम मिलना इतना आसान नहीं होता। जबकि मुझे मुंबई आने के कुछ ही दिनों बाद सोलो हीरोइन के बतौर फिल्म मिल गई थी। मेरा तो पहला ऑडिशन भी बेहद खराब रहा था। उस समय ऐसा लगा था, जैसे मैं अब कभी फिल्मों में काम नहीं कर पाऊँगी। पर आज मेरे पास इतने सारे प्रोजेक्ट्स हैं, तो इसे मैं किस्मत का खेल ही कहूँगी।
जैकलीन के अनुसार वे बचपन से ही अभिनेत्री बनना चाहती थीं और हिन्दी सिनेमा भी उन्होंने बहुत देखा। असल में काफी समय श्रीलंका से बाहर (बहरीन में) रहने के दौरान जैकलीन हॉलीवुड और बॉलीवुड की फिल्में ही देखती थीं, तो हिन्दी सिनेमा ने उनके अंदर एक्टिंग का कीड़ा डाल दिया। हालाँकि उस समय भले ही जैकी श्रीलंकन फिल्मों से दूर रही हों लेकिन जल्द ही वे एक श्रीलंकन फिल्म में भी अभिनय करती नजर आने वाली हैं।